
मुंबई ( khabargali) पीएफआई पर कार्रवाई और 100 से ज्यादा सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उनके इरादों के बारे में नये खुलासे हो रहे हैं। महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख विनीत अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पीएफआई के एजेंडे में लोगों को नफरत फैलाने और इससे जुड़े अपराध करने के लिए प्रेरित करना शामिल था। इस तरह उन्होंने देश में नफरत फैलाकर 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने की योजना बनाई थी। उन्होंने बताया कि टारगेटेड किलिंग भी उनके मुख्य कामों में शामिल था। फिलहाल सरकार ने उनके ठिकानों पर छापेमारी के बाद संगठन पर बैन लगा दिया है। पुलिस उनके खातों को फ्रीज करने में जुटी है। वहीं उनके डेटा को रिकवर करने की भी कोशिश की जा रही है।
महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख ने बताया कि पीएफआई कई सालों से टेरर एक्टिविटीज में शामिल था। लेकिन ज्यूडिशियल लेवल पर केस स्टैंड कर सके, इसके लिए कई सालों से जाँच एजेंसियां सबूत इक_ा करने में जुटी थीं। अब जब सारे सबूत मिले हैं तब जाकर उनपर बैन लगाया गया है। उन्होंने साफ किया कि ये कार्रवाई किसी द्वेष भावना के तहत नहीं की गई है। इनकी 100 साल की लंबी प्लानिंग थी, जिसमें आजादी के जब 100 साल पूरे होंगे यानी 2047 तक, देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना थी। हर 5 साल का एक एजेंडा तैयार किया था। लेकिन इनकी प्लानिंग और एक्जीक्यूशन के बीच मे ही इन्हें रोक लिया गया।
उन्होंने बताया कि पीएफआई पर 5 साल के बैन में यूएपीए को भी एब्लिकेबल किया गया है, और इसके तहत इस संस्थासे जुड़े संदिग्ध लोगों पर कार्रवाई होगी। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र पीएफआई के पाकिस्तान कनेक्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि केस की इन्वेस्टिगेशन में बहुत सी लीड्स मिली है और उन्हें हम कोर्ट के सामने ही रिवील कर सकते हैं। यहां नहीं बताया जा सकता।
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