ब्रेकिंग न्यूज़: DPI का सभी DEO और संयुक्त संचालकों को कड़ा निर्देश: “प्राइवेट स्कूल प्रबंधन अपने शिक्षकों को लॉकडाउन के दौरान का पूरा वेतन दें”.. आदेश जारी

Dpi, teacher, salery, khabargali

कई स्कूलों से मिली थी राज्य सरकार को गंभीर शिकायतें

रायपुर (khabargali) केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के फैसले के बीच सभी वर्गों की समस्याओं को लेकर सहानुभूति और मदद करती योजनाओं की लगातार घोषणा कर रही है। आम जनता आर्थिक संकट में न आ जाए इसके लिए बहुत सारी रियायतें भी दी जा रही हैं तो दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल संचालक अपने टीचरों के वेतन पर कैची चलाने की जुगत में लगे हैं। शासन स्तर पर कई ऐसी शिकायतें पहुंची है, जिसमें निजी स्कूल संचालक की मनमानी सामने आ रही है। वो अपने शिक्षकों को लॉकडाउन पीरियड का या तो वेतन देने से मना रहे हैं या दे भी रहे हैं तो 50 से 60% वेतन कटौती कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने स्कूल प्रबंधन साफ- साफ निर्देश दिया है कि वे किसी भी प्रकार की कटौती न करें अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीपीआई जितेंद्र शुक्ला ने सभी डीईओ और संयुक्त संचालकों को निर्देश दिया है कि सभी शिक्षकों को लॉकडाउन पीरियड के दौरान पूर्ण वेतन दिलाना सुनिश्चित करें।

डीपीआई शुक्ला अपने आदेश में ये कहा

“कोरोना के लॉकडाउन के दौरान सभी प्राइवेट स्कूल बंद हैं, संदर्भित विषय में शिकायत प्राप्त हो रही है कि कतिपय निजी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है अथवा 50 प्रतिशत वेतन दिया जा रहा है, निर्देशित किया जाता है कि आप सभी निजी विद्यालय के शिक्षकों को पूर्ण वेतन दिया जाना सुनिश्चित करें, इस निर्देश का कड़ाई से पालन करें”।

राजनांदगांव कलेक्टर ने भी जारी किया आदेश

राजनांदगांव कलेक्टर ने भी जारी किया स्पष्ट आदेश कि निजी स्कूल अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को दें पूरा वेतन। पालन न करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने की भी बात की।

श्रम मंत्रालय ने भी वेतन नहीं घटाने को कहा था

गौरतलब है कि 20 मार्च को श्रम मंत्रालय ने सभी सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से कर्मचारियों की नौकरी बहाल रखने और वेतन नहीं घटाने को कहा है. श्रम मंत्रालय ने छुट्टी लेने पर भी कर्मचारियों के ड्यूटी पर माने जाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा ईपीएफओ ने भी पेंशनर्स के लिए बड़ा निर्देश दिया है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव की ओर से ये एडवाइजरी जारी की गई है. इसमे कहा गया है कि इस समय अगर कोई कर्मचारी कोरोना वायरस संकट के कारण छुट्टी लेता है तो भी उसके ड्यूटी पर आने जैसा ही माना जाए और इसके तहत उसकी सैलरी नहीं काटी जाए. इसके अलावा अगर कोई दफ्तर इस आफत के कारण बंद होता है तो ये माना जाए कि उसके कर्मचारी ड्यूटी पर है.

देश में कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए जहां कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन जारी है वहीं कई राज्यों में कर्फ्यू तक लगा दिया गया है. इसके चलते कई निजी और सरकारी संस्थाओं के कर्मचारी अपने अपने दफ्तर नहीं जा पा रहे हैं और लोगों को नौकरी जाने का डर भी सता रहा है. ऐसे में देश में श्रम मंत्रालय ने अहम निर्देश दिया है जिसके जरिए लोगों को परेशानी न हो.

Image removed.Image removed.

 

Related Articles