ब्रिटेन में बने कानून की बजाए भारत अब अपने कानून से संचालित होगा: उपमुख्यमंत्री शर्मा

Instead of the law made in Britain, India will now be governed by its own law, Deputy Chief Minister Vijay Sharma, New Law, Workshop from Penal Code to Justice Code, Advocate, Social Service Organization, Business Organization, Editor, Journalist, Police, Administrative Department, Chhattisgarh, Khabargali

नए कानून में अपराधी को दण्ड देने के साथ-साथ पीड़ित को न्याय देने की भावना

‘‘नवीन कानून: दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर’’ कार्यशाला में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री

कार्यशाला में समाज के विभिन्न अंग अधिवक्ता, समाजसेवी संगठन,व्यापारिक संगठन,संपादक,पत्रकार ,पुलिस व प्रशासनिक विभाग शामिल

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रायपुर (khabargali) देश अब दंड से न्याय की ओर जा रहा है। अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे कानून में केंद्र की मोदी सरकार ने सकारात्मक बदलाव किए हैं। आम जनता के साथ समाज के प्रबुद्ध वर्ग को इससे अवगत कराने आज सिविल लाइन सर्किट हाउस में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता वह पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा जी की उपस्थिति में समाज के अधिवक्ता, समाजसेवी संगठन,व्यापारिक संगठन,संपादक,पत्रकार ,पुलिस व प्रशासनिक विभाग के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा है कि ब्रिटेन में पारित किए कानून से नहीं अब भारत में बने कानून से ही देश का संचालन होगा। उन्होंने आज यहां राजधानी रायपुर के सर्किट हाउस में गृह विभाग द्वारा ‘‘नवीन कानून: दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर’’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा नए कानून में अपराधी को दण्ड देने के साथ-साथ पीड़ित को न्याय देने की भावना निहित है। महिलाओं एवं बच्चों को न्याय एवं सुरक्षा देना भी इस नये कानून की प्राथमिकता में शामिल है। यह नवीन कानून निश्चित रूप से दूरदर्शी सोच और कल्पना का परिणाम है।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कार्यशाला में कहा कि नये कानून से हमारा समाज और देश आगे बढ़ेगा, अब कोई भी तारीख पे तारीख नहीं दे पाएगा। समय-सीमा में सभी कानूनी प्रावधान के अंतर्गत कार्रवाई करनी होगी। नए कानून में महिला के विरूद्ध घटित अपराधों की प्रथम सूचना एवं विवेचना महिला अधिकारी द्वारा किए जाने का बाध्यकारी प्रावधान है। उन्हीने कहा कि अलगावादी क्रियाकलाप या सशस्त्र विद्रोह या विध्वंषक क्रियाकलाप के द्वारा भारत की एकता, अखण्डता या सम्प्रभुता के विरूद्ध कारित अपराधों पर आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है।

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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि नवीन कानून में मुख्यतः औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, महिला सुरक्षा एवं न्याय, आतंकवाद, संगठित अपराध एवं भारत की सम्प्रभुता, एकता एवं अखण्डता के विरूद्ध अपराध, पीड़ित केन्द्रित कानूनी प्रावधान, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, डिजिटल एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान, न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। उन्होंने धारा 370 का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के 70 साल बाद हमारे पूर्वजों के संकल्प को पूरा किया गया है।

उन्होंने नवीन कानून के संबंध में व्यापक रूप से प्रशिक्षण प्रदान करने, तकनीकी उन्नयन, संसाधन एवं वित्तीय प्रबंधन, अंतर्विभागीय समन्वय तथा नये कानूनों के प्रावधानों को लागू करने के संबंध में बात कही। उन्होंने बताया कि नये कानून में मॉबलिंचिंग द्वारा हत्या के अपराध पर अधिकतम मृत्युदंड तक का प्रावधान किया गया है। भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय दण्ड संहिता की 511 धाराओं के स्थान पर अब 358 धाराएं हैं तथा 23 अध्याय के स्थान पर 20 अध्याय है। भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है, जिसमें 484 धाराओं के स्थान पर 531 धाराएं एवं 37 अध्याय के स्थान पर 39 अध्याय है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1972 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है, जिसमें 167 धाराओं के स्थान पर 170 धाराएं हैं एवं 11 अध्याय के स्थान पर 12 अध्याय है। कार्यशाला में सांसद श्री सुनील सोनी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि नये कानून के लागू होने से पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगी तथा पुलिस की विश्वसनीयता बढ़ेगी।

पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने कानून के तकनीकी पक्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला ।कार्यशाला में भारतीय न्याय संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिसमें सदियों से चले आ रहे औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव किया गया है।

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इस अवसर पर विधायकद्वय श्री पुरन्दर मिश्रा और श्री मोतीलाल साहू, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अधिवक्तागण, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी, अनेक जनप्रतिनिधिगण, मीडिया के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस विषय को लेकर पुराना पुलिस मुख्यालय में माननीय मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, DGP श्री अशोक जुनेजा, ADG नक्सल, गृह विभाग अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ समेत अधिकारीगण के साथ भारतीय न्याय संहिता पर सकारात्मक चर्चा हुई ।

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