BREAKING NEWS  – रायपुर में पप्पू भाटिया ,गुरुचरण होरा, ढेबर बंधू ,डॉक्टर फरिश्ता नर्सिंग होम ,मीनाक्षी सेलून के टुटेजा और विवेक ढांड व जैन बंधु के यहाँ आयकर और ईडी की दबिश

Incom tax raid khabargali

इन छापों से छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल आने की संभावना

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शहर के कुछ मशहूर और हाईप्रोफाइल लोगों के बंगले और उनके व्यावसायिक जगहों में आज केंद्रीय इनकम टैक्स विभाग और ईडी ने छापेमारी की है। इनमें महापौर एजाज ढेबर, आईएएस अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी पप्पु भाटिया, गुरूचरण सिंह होरा, सीए संजय संचेती और सीए कमलेश्वर जैन के ठिकानों पर भी आयकर की जांच चल रही है। रेरा अध्यक्ष विवेक ढांड और मीनाक्षी टुटेजा और उनके पड़ोसी फरिश्ता नर्सिंग होम और उनके संचालकों के ठिकानों में छापे मार की कार्यवाही चल रही है। टीम सभी जगहों से आय व्यय का लेखा-जोखा जुटा रही है। आयकर विभाग को यहां बड़ी टैक्स चोरी की आशंका है। इस कार्रवाई में 200 ज्यादा सीआरपीएफ जवान शामिल हैं।

ये छापेमारी 2 से 3 दिन जारी रहेगी

छापेमारी सुबह करीब 7 बजे से शुरू हुई जो देर रात या दो से तीन दिनों तक जारी रह सकती है। इन छापों से छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल आने की संभावना है । क्योंकि जिनके यहाँ दबिश दी गई है उनमें प्रदेश सरकार के क़रीबी भी शामिल है। खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ के नामचीन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की खबर को पूरी तरह से गुप्त रखा गया है। यहां तक कि लोकल पुलिस तक को खबर नहीं दी गयी, इस पूरी कार्रवाई में सीआरपीएफ को शामिल किया गया है।

1 वर्ष पहले से रेकी जारी थी

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लगभग 1 वर्ष पूर्व ही इनकी रेकी शुरू कर दी थी ।जिसकी परिणिति आज दिखाई दे रही है । इस रेड को बहुत ही गोपनीय रखा गया था , छत्तीसगढ़ के आयकर अधिकारियों को तक इस कारवाही की भनक नहीं थी ,नाही आईटी टीम ने लोकल पुलिस का सपोर्ट लिया है। आईटी की टीम अपने साथ सीआरपीएफ लेकर छापेमारी कर रही है।

लक्ष्मी मेडिकल स्टोर ने 8 करोड़ रुपए सरेंडर किए

इधर दवाई करोबारी लक्ष्मी मेडिकल ने आयकर विभाग को 8 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। इनकम टैक्स विभाग की टीम ने लक्ष्मी मेडिकल के कई ठिकानों पर चार दिन पहलेछापा मार कई सालों के रिकॉड खंगाले थे। तीन दिनों तक चली कार्रवाई में करोड़ों के अघोषित संपत्ति का ब्यौरा मिला था। जांच के दौरान सर्वे में प्रॉफिट कम दिखाए जाने के साथ, कैश में ज्यादा कारोबार करने और बोगस खर्चे दिखाने की बातें सामने आई थी।

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