मुंबई/रायपुर (khabargali) महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों में से एक सौरभ चंद्राकर को दुबई में उसके "घर में नजरबंद" कर दिया गया है. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय सहित भारतीय जांच एजेंसियां "सतर्क" हो गई हैं और चंद्राकर को पकड़ने के लिए राजनयिक चैनलों के माध्यम से कोशिश की जा रही हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि ईडी करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जल्द ही एक नया आरोप पत्र भी दाखिल कर सकती है. सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के एक अन्य प्रमोटर रवि उप्पल के खिलाफ ईडी के अनुरोध पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. रवि उप्पल के दुबई में स्थानीय अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के कुछ हफ्ते बाद यह मामला सामने आया है. सूत्रों ने कहा कि दुबई में चंद्राकर के स्थान के बारे में एजेंसी को सूचित कर दिया गया है और उसे "घर में नजरबंद" कर दिया गया है. जांच एजेंसियां यूएई सरकार की मदद से सौरभ चंद्राकर की तलाश कर रहीं थीं. सौरभ को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि इससे वह भाग भी सकता है. यूएई के अधिकारियों द्वारा लगातार उस पर नजर रखी जा रही है.
दोनों को वापस लाने की कोशिशें तेज
सूत्रों ने कहा कि भारतीय एजेंसियां राजनयिक चैनलों के माध्यम से दोनों को वापस लाने के लिए काम कर रही हैं. दोनों का वापस लाना मनी लॉन्ड्रिंग और 'महादेव बुक ऑनलाइन' ऐप की कथित अवैध गतिविधियों की पुलिस जांच के लिए जरूरी है, जिनके छत्तीसगढ़ और अन्य जगहों पर राजनीतिक संबंध भी हैं.
सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर सकती है ईडी
ईडी द्वारा इस मामले में नवंबर में छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किए गए दो लोगों कथित तौर पर कैश पहुंचाने वाले असीम दास और पुलिस कांस्टेबल भीम यादव के खिलाफ एक नई (सप्लीमेंट्री) चार्जशीट दाखिल कर सकती है.
पहली चार्जशीट में कई लोगों के नाम
एजेंसी ने रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी पहली चार्जशीट में चंद्राकर और उप्पल के साथ अन्य कुछ लोगों का भी नामित किया था.
दुर्ग पुलिस ने NSA के आरोपी को पकड़ा
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने NSA सहित 17 मामलों में फरार आरोपी दीपक सिंह उर्फ दीपक नेपाली गिरफ्तार किया है. इसके ऊपर लूट, डकैती, अपहरण, हाफ मर्डर और महादेव सट्टा जैसे गंभीर धाराओं में अलग-अलग थानों में अपराध दर्ज हैं. इस आरोपी से महादेव सट्टा ऐप के मामले में लगातार पूछताछ जारी है. पूछताछ में इससे कई सुराग मिलने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक इसमें छत्तीसगढ़ के दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर जिले के पुलिस के कुछ अधिकारी और सिपाही भी इसमें संलिप्त हो सकते है. दुबई में सौरभ चंद्राकर और दो प्रोमोटर्स पर प्रतिबंध लगाया गया है. दुबई के अधिकारी उस पर निगरानी रख रहे हैं और भारतीय अधिकारियों के उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं.
महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे. ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी. अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले जिनसे करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन होते थे और यहीं पूरा नेटवर्क फैलता गया. इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था. हालांकि अब ईडी के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस भी पूरे मामले की जांच कर रही है.
अपराध से 6 हजार करोड़ की आय का अनुमान
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, इस मामले में अपराध से हुई अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है. एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास नाम के व्यक्ति द्वारा दिए गए बयान से ‘चौंकाने वाले' खुलासे हुए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है. दास ने बाद में रायपुर की विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है और उसने कभी भी नेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई.
हर महीने की कमाई 90 करोड़ रुपए
दरअसल, भारत में छत्तीसगढ़ समेत कई अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में महादेव बेटिंग ऐप के करीब 30 कॉल सेंटर खोले गए थे. इन कॉल सेंटर को बाकायदा एक चेन बनाकर बेहद शातिर तरीके से चलाया जा रहा था. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था. हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे. महादेव बेटिंग ऐप में रवि उप्पल न केवल सौरभ चंद्राकर का राइट हैंड है, बल्कि पार्टनर भी है। पूरे देश भर में इसके 1200 ब्रांच हैं और दावा किया जा रहा है कि हर महीने दोनों आरोपी की कमाई 90 करोड़ है.
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