मसीहा बनकर 2 लोगों ने ऋषभ को बचाया
नई दिल्ली (khabargali) भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की कार का दिल्ली से रुड़की अपने घर लौटते वक़्त बड़ा हादसा हो गया. रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के पास उनकी कार हादसे का शिकार हुई और उसमें आग लग गई. जिस जगह यह हादसा हुआ. वहां पर मिट्टी का ढेर लगा हुआ था . ऋषभ की कार इस ढेर की चपेट में आ गई और अनियंत्रित होकर और कार रेलिंग के खंभों को तोड़ते हुए करीब 200 मीटर रगड़ते हुए आगे तक चली गई. इस दौरान कार कई बार पलटी. इस हादसे में वो घायल हो गए हैं. वे घर पहुँच कर अपनी माँ को सरप्राइज देना चाहते थे.
ऋषभ पंत के माथे और पैर पर चोट आई है और उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल लाया गया है. डॉक्टर्स के मुताबिक, उनके शरीर में ज्यादा गंभीर चोटें नहीं आई हैं. सिर में उन्हें चोट लगी है. दाहिने पैर में फ्रेक्चर की संभावना है. बहरहाल, जांच के बाद ही चोटों और इंजरी का पता चल पाएगा. ऋषभ पंत के एक्सीडेंट के बाद क्रिकेटर से लेकर उनके फैंस उनके ठीक होने की दुआएं मांग रहे हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए थे और आग लग गई थी. क्रिकेटर पंत कार से निकलने के कोशिश कर रहे थे, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से निकल नहीं पा रहे थे. हद तो तब हो गई कि जब लोग खड़े खड़े तमाशा देख रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऋषभ पंत की कार में 3-4 लाख रुपए थे. जो हादसे के बाद सड़क पर बिखरे हुए थे. ऋषभ सड़क पर पड़े हुए थे. लेकिन, उस दौरान कुछ लोग उनकी मदद करने के बजाए अपनी जेब नोटों से भरने में लगे हुए थे. वहीं कुछ वीडियो बनाने में लगे थे. बाद में कुछ लोगों ने उनकी मदद की. तभी दो युवक मसीहा बनकर ऋषभ को बचाया. उन्होंने क्रिकेटर को रुड़की के सक्षम अस्पताल में एडमिट कराया.
मिली जानकारी के अनुसार, उन दोनों युवकों में से के युवक पुरकाजी के समीप शकरपुर गांव का रहने वाला है. जो सड़क हादसे की जगह से कुछ ही किलोमीटर पर लिब्बरहेरी में स्थित शुगर मिल में काम करता है. बताया जा रहा है कि सुबह के समय वह अपनी ड्यूटी पर जा रहा था. उसी दौरान उसने सड़क हादसे में घायल ऋषभ पंत को देखा उसने पहचान लिया. तभी उसने उनकी मदद की.
अस्पताल के डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि अस्पताल में जब ऋषभ को लाया गया तो दो युवक भी साथ थे. उन्होंने सही समय पर ऋषभ को अस्पताल पंहुचा दिया था. जब ऋषभ को लाया गया था तो उनकी हालत थोड़ी गंभीर थी, लेकिन जैसे जैसे समय गुजरा वे ठीक होने लगे.
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