शराब घोटाला : धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश के आरोप
नोएडा/रायपुर (khabargali) शराब घोटाला के केस में ईडी ने नोएडा के थाने में रविवार को ईडी की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें छत्तीसगढ़ के तीन अफसरों, और ग्रेटर नोएडा की एक कंपनी के एमडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है।माना जा रहा है कि ईडी को मनी लॉड्रिंग में कार्यवाही का आधार तैयार करने के लिए उप्र में ये एफआईआर दर्ज करवाई गई। ईडी की ओर से एफआईआर में बताया गया कि शराब माफिया के साथ साठगांठ कर बड़े पैमाने पर देशी शराब की अवैध बिक्री कराई गई है।
जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है उनमें एपी त्रिपाठी, निरंजन दास, अनिल टुटेजा, कंपनी के एमडी विधु गुप्ता, अनवर ढेबर हैं। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468, 471 (दोनों जालसाजी से संबंधित), 473 (जालसाजी के लिए नकली मुहर बनाना या रखना), 484 (लोक सेवक द्वारा इस्तेमाल किया गया नकली चिह्न) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मैसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध रूप से ठेका दिलाया
शिकायतकर्ता ने पुलिस प्राथमिकी में कहा कि ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छत्तीसगढ़ में शराब ‘घोटाले’ से जुड़े एक मामले की जांच कर रही है और जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी, लेकिन कंपनी के मालिकों के साथ मिलीभगत करके आरोपीयों ने निविदा शर्तों में संशोधन किया और नोएडा स्थित मैसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध रूप से होलोग्राम की आपूर्ति करने का ठेका दिलाया।’
80 करोड़ होलोग्राम की आपूर्ति के ठेके में प्रति होलोग्राम आठ पैसे का कमीशन
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, ‘व्यवस्था के तहत पांच साल में 80 करोड़ होलोग्राम की आपूर्ति का ठेका देकर उपभोक्ताओं को धोखा देने दिया गया।’ और ‘बदले में, अधिकारियों ने प्रति होलोग्राम आठ पैसे का कमीशन लिया और छत्तीसगढ़ की सरकारी दुकानों से अवैध देशी शराब की बिक्री के अपराध को अंजाम देने के लिए बेहिसाब जाली होलोग्राम की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता भी ली।’
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