रायपुर (khabargali) प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग,और नॉन वोवन से बने कैरी बैग ,थैले प्रतिबंधित हैं यह सभी जानते है l छ .ग.शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन एफ/ 5/ 88/2014/32 दिनांक 13/01/2021 की जिस तरह से अवहेलना की जा रही है,और पर्यावरण के साथ ,जन जीवन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है,उसका जिम्मेदार कौन है! जबकि शासन द्वारा नोटिफिकेशन में चित्र सहित बैन नॉन वोवन कैरी बैग व थैलों का उल्लेख किया गया है। प्रतिबंधित प्लास्टिक के ख़िलाफ़ कार्यवाही न कर लोक सेवकों द्वारा जान बूझ कर प्लास्टिक निर्माताओं को लाभ पहुँचाया जा रहा है। प्रदेश के एक जुझारू पर्यावरण कार्यकर्ता ने ख़बरगली को ढ़ेर सारे पत्र भेज कर बताया कि किस तरह लगातार जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों से लिखित शिकायत की जा रही है पर कार्रवाई के नाम पर शून्य की स्थिति बनी हुई है।
इन 13 बिंदुओं से जानिए पर्यावरण कार्यकर्ता का संघर्ष
1. प्रदेश के एक पर्यावरण कार्यकर्ता द्वारा आवेदन दिनांक 19/8/2021 अनंत कुमार तायल को पॉलीप्रोपलीन से बने नॉन वोवन के बनने से लेकर उसके विघटन के दौरान उत्पन्न होने वाले प्रदूषण,प्रिंटिंग के लिए उपयोग में लिया गया जहरीला रंग और उससे होने वाली बीमारियों से अवगत कराया था l
2. वहीं दिनांक 1/10/19 को पर्यावरण संरक्षण बोर्ड , नवा रायपुर में नगर निगम अधिकारियों द्वारा बेयोडिग्रेडेबल/ कॉपोस्टेबिल कैरी बैग को अमान्य घोषित करने के संबंध में भी शिकायत की गई थी।
3. दिनांक 30/11/19 को अधिकारी अनंत कुमार तायल से नॉन वोवन पर कार्यवाही के आदेश के लिए आवेदन दिया गया।
4. दिनांक 06/12/19 को अधिकारी पुलक भट्टाचार्य से भी प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग नॉन वोवन कैरी बैग व थैलों पर कार्यवाही हेतु आवेदन दिया गया।
5. दिनांक 11/12/2019 को मुख्य सचिव छ.ग.शासन मंत्रालय से नगर निगम द्वारा आदेशों की अवहेलना की शिकायत की गई।
6. दिनांक 1/10/19 को सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड से नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कंपोस्टेवल और बायोडिग्रेडेबल को अमान्य घोषित करने संबंध में शिकायत की गई।
7. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल पत्र 9678/मुख्यालय/प्लास्टिक/2020 दिनांक 28/1/20 को नगर निगम द्वारा जानबूझ कर प्रतिबंधित नॉनवोवन कैरीबैग के विनिर्माण,विक्रय,संग्रहण,आयात, परिवहन एवम उपयोग को प्रतिबंधित बताया गया है।
8. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल पत्र क्रमांक 6654 दिनांक 4/11/19 को समस्त जिला कलेक्टर एवम आयुक्त नगर पालिक निगम रायपुर को कार्यवाही करने का आदेश दिया।
9. पर्यावरण कार्यकर्ता द्वारा दिनांक 9/2/21सदस्य सचिव, छ.ग.पर्यावरण संरक्षण मंडल से प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरीबैग नॉनवोवेन बैग पर समस्त नगर निगम व नगर पंचायतों को कारवाही करवाने हेतु आवेदन दिया गया।
10. दिनांक 11/2/21 को मुख्य सचिव,आवास एवम पर्यावरण विभाग से कार्यवाही करवाने हेतु शिकायत की गई।
11. दिनांक 3/3/21 अभनपुर नगर पंचायत में छ. ग.शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन F/5/88/2014/32की अवहेलना के क्रम में शिकायत की गई।
12. पर्यावरण कार्यकर्ता द्वारा रायपुर के समस्त जोन में जा कर समस्त स्वास्थ्य अधिकारी से जा कर छ.ग. शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन की अवहेलना की शिकायत की गई।
13. दिनांक 14/7/21 रायपुर नगर पालिक निगम बाजार विभाग द्वारा दिए गए सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी अनुसार आज दिनांक तक प्रतिबंधित नॉनवोवेन थैलों व कैरी बैग पर कोई कार्यवाही न करना, जिससे पता चलता है कि पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना और जनजीवन जीव- जंतु के स्वास्थ्य के साथ जान बूझ कर लापरवाही बरती जा रही है,जिससे लगातार,डेंगू, कैंसर, चर्मरोग और अस्थमा जैसी भयंकर बीमारी से लोग ग्रस्त हो रहे है। क्या लोकसेवकों की लापरवाही से वो स्वयं अवगत नहीं है?
हक़ीक़त यह है
प्रधान मंत्री ने 2022 तक सम्पूर्ण भारत में पूर्ण रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने की बात कही थी, परंतु प्रधान मंत्री जी ने ये नही कहा था की तब तक प्रशासन मौन धारण कर ले और शासकीय आदेशों प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 की धज्जियां उड़ा कर, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे लोगो के खिलाफ कार्यवाही न करें। पर्यावरण कार्यकर्ता के आवेदन दिनांक 6/9/2021 से पता चलता है कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में ही नगर निगम के द्वारा शासकीय आदेशों की अवहेलना जानबूझ कर की जा रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक पूरे बाजार में पाँव पसारे हुए है । और मजे की बात ये है कि रायपुर शहर की प्रतिष्ठित दुकानदार कहते है की नगर निगम के अधिकारी सिंगल यूज नॉन वोवन को उपयोग में लाने की सलाह देते हैं। बाजार विभाग द्वारा आज दिनांक तक नॉन वोवन पर कोई कार्यवाही न करना सबसे बड़ा सबूत है। प्लास्टिक कैरी बैग,डिस्पोजल आइटम्स,बेचने वालों को दी जा रही छूट और कार्यवाही ना करना पर्यावरण सुरक्षा के लिए चिंतनीय विषय है। कोविड 19 का बहाना बना कर कार्यवाही न कर प्लास्टिक निर्माताओं को जानबूझ कर लाभ पहुंचाया जा रहा है । अधिकारी छोटे सब्ज़ी ठेले वालों पर दिखावे के लिए कार्रवाई करके अपने अभियान की इतिश्री कर लेते है।
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