
बिलासपुर (khabargali) पुलिस द्वारा झूठे मामले में फंसा कर एफआईआर दर्ज करने के मामले में युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्वयं पैरवी की। पैरवी से चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा भी प्रभावित हुए। उन्होंने दोनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए एफआईआर और कार्रवाई निरस्त करने का आदेश दिया।
डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की अनुमति देना कानून की प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग होगा। अभय सिंह राठौर ने पुलिस थाना तारबाहर, बिलासपुर में एफआईआर दर्ज कराई, थी, जिसमें आरोप लगाया कि मई-जून 2022 के दौरान, क्षितिज समेत कई व्यक्तियों ने बैंक कर्मचारी जय दुबे के साथ मिलकर बैंक खाते खोले।
महादेव सट्टा ऐप चलाने के उद्देश्य से एक जाली कंपनी बनाई। इस पर आईपीसी की धारा 420 और 34 तथा जुआ अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत पुलिस ने अपराध दर्ज किया।क्षितिज भारद्वाज के कथन के आधार पर याचिकाकर्ता पीयूष गंगवानी का नाम बाद में सह-अभियुक्त के रूप में जोड़ दिया।
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