
कोरबा (खबरगली) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी से दो बच्चियों को जन्म देने के बाद मां की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसकी सांस उखड़ने लगी और दुनिया से विदा हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने लापरवाही की। वहीं डॉक्टर का कहना है कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला की ब्लीडिंग बंद नहीं हो रही थी। इससे उसकी मौत हुई है। कोरबा के कोहड़िया में रहने वाली नंदनी साहू (30) को प्रसव पीड़ा होने पर रविवार दोपहर मेडिकल कॉलेज के प्रसूती रोग विभाग में भर्ती किया गया था। महिला ने दो बेटियों को जन्म दिया। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।
महिला के शरीर से खून का बहना रुक नहीं रहा था, तब डॉक्टर ने परिवार को महिला की स्थिति खराब होने की जानकारी दी। परिवार से खून का इंतजाम करने के लिए कहा गया। रविवार होने के कारण ब्लड बैंक में स्टॉफ नहीं था। इसलिए तीन से चार घंटे का समय लगा। महिला को खून चढ़ाया गया। लेकिन खून का बहना जारी रहा, तब डॉक्टर ने परिवार को बताया कि महिला की बच्चेदानी निकालनी पड़ेगी।
अन्यथा उसकी जान को खतरा है। परिजनों की अनुमति पर ऑपरेशन कर बच्चेदानी को निकाला गया। इसके बाद भी खून का बहना जारी रहा। इसी बीच महिला की स्थिति और नाजुक हो गई। सोमवार सुबह लगभग पांच बजे महिला ने दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी मिलते ही परिवार के लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया। अस्पताल के डॉक्टर और यहां के प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
अस्पताल में जब भर्ती किया गया था, तब महिला स्वस्थ थी। अचानक डॉक्टर ने ब्लड की जरूरत बताते हुए मरीज की जान को खतरा बताया। उसका बच्चेदानी निकाल दिया गया। मुझे कभी प्लेटलेट्स तो कभी प्लाजमा के लिए परेशान किया गया। तीन-चार घंटे तक अस्पताल का चक्कर लगाता रहा। अस्पताल के ब्लड बैंक में कोई व्यवस्था नहीं थी। ब्लड के नाम पर यहां खानापूर्ति की जा रही है।
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