झारखंड में डायन के सन्देह में सिर मुंडवाने,निर्वस्त्र कर घुमाने की शर्मनाक घटना: डॉ. दिनेश मिश्र

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कोई नारी डायन नहीं: अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति

रायपुर (khabargali) अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि झारखंड के सिमडेगा जिले से एक निर्दोष महिला को पंचायत के फरमान पर डायन घोषित करने ,उसे प्रताड़ित करने ,सिर के बाल काटने,और निर्वस्त्र कर के घुमाने की निंदनीय घटना सामने आई है ,जो अत्यंत दुःखद और शर्मनाक है.इस घटना में शामिल सभी आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.

डॉ दिनेश मिश्र ने बताया उन्हें जानकारी मिली है कि झारखंड के सिमडेगा के कोमबाकेरा गांव में जादू टोने के शक में एक अधेड़ महिला के साथ सामूहिक मारपीट की गई,उसके सिर को मुड़वाया गया और निर्वस्त्र घुमाया गया। यह घटना पिछले शनिवार की है। गांव में पंचायत बुलाई गई थी,जिसमें पीड़ित को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, जहां उस पर जादू -टोना करने का आरोप लगा कर , गांव के एक व्यक्ति की जान लेने का आरोप लगाया गया. पंचायत के सदस्यों ने निर्णय लिया कि महिला का सिर मुंडवाया जाए और उसे गांव में निर्वस्त्र घुमाया जाए तथा जुर्माना वसूला जाए. जिले के कोलेबिरा प्रखंड के गंझूटोली में घटी उक्त घटना में करीब 50 से अधिक लोग शामिल थे,जिनमे महिलाएं भी थीं.

डॉ दिनेश मिश्र ने बताया ग्रामीणों ने पंचायत की बैठक कर गांव की , एक 55 वर्षीय महिला को डायन बताकर उसे सजा देने का निर्णय लिया पंचायत में शमिल लोगों ने कुछ दिनों पूर्व गांव में एक व्यक्ति की मौत के लिए उक्त महिला के कथित जादू टोने को दोषी ठहराया और एक आदिवासी पाहन (झाड़फूंक करने वाले बैगा ) के बहकावे में आकर उक्त महिला की इस प्रकार प्रताड़ना की. यह गांव रांची से 110 किलोमीटर दूर सिमडेगा जिले में कोलेबिरा ब्लॉक के कोम्बाकेरा है. जहां गांव के लोगों ने एक अकेली महिला को इस प्रकार प्रताड़ित कर मानवता को शर्मसार कर दिया. बताया जाता है कि भीड़ के सामने पीड़ित महिला गिड़गिड़ाती रही,स्वयं के निर्दोष होने की बात कहती रही लेकिन किसी ने उसकी एक बात नहीं सुनी और अंधविश्वास में पड़ कर उसे प्रताड़ित किया. इस के बाद भी ग्रामीणों का मन नहीं भरा उन्होंने उस महिला पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया .ग्रामीणों के डर से उक्त महिला इस मामले की शिकायत दर्ज करने में भी डरती रही बाद में दो दिनों बाद इस मामले की जानकारी गांव के बाहर हुई तब शिकायत दर्ज हुई. उनकी शिकायत के आधार पर 9 नाजमद और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई . ग्रामीणों का एक वर्ग पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहा था, लेकिनपुलिस ने इस मामले के नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.जबकि बाकी आरोपियों पर कार्यवाही नहीं हुई है.

डॉ . दिनेश मिश्र ने कहा कोई नारी डायन /टोनही नही होती. जादू टोने का कोई अस्तित्व नहीं होता .यह सिर्फ अंधविश्वास है, इस प्रकार किसी भी निर्दोष महिला को प्रताड़ित करना शर्मनाक तथा अपराध है . हमारी झारखंड सरकार से मांग है कि इस मामले में शामिल अन्य सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए उन्हें कड़ी सजा मिले ,तथा निर्दोष प्रताड़ित महिला को न्याय,मुआवजा मिल सके.

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