मिशन SAVE राहुल : सुरंग का पत्थर ने रोका रास्ता ..बोर में सांप भी पहुंचा..लेकिन रेस्क्यू दल की उम्मीद कायम

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राज्य का अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन

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सक्ती/ जांजगीर-चांपा (khabargali) पिछले 78 घंटे से छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में बोर में फंसे 11 साल के बच्चे राहुल साहू को बचाने का राज्य का अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. ऑपरेशन A के असफल हो जाने के बाद ऑपरेशन B, मतलब टनल के जरिए 50 फीट नीचे बोरवेल में फंसे राहुल को निकालने का काम चल रहा है. रस्सी की मदद से बच्चे को निकालने में विफलता के बाद उसके फंसे होने की जगह तक सुरंग खोदी जा रही है, जो राहुल के बेहद करीब तक पहुंच गई है. बोर में बढ़ रहे जलस्तर को कम करने के लिए पूरे गांव के बोर चलाकर पानी निकाला जा रहा है, ताकि इस बोर में पानी ना बढ़े. रात 8 बजे बचाव दल राहुल से बमुश्किल तीन मीटर की दूरी पर था. मशीन से खुदाई के बाद आगे की खुदाई हाथों से की जा रही है. ये अंतिम कुछ घंटे अभियान में सबसे अहम रहने वाले हैं. अंतिम दौर का रेस्क्यू अभियान बीती रात से और तेज किया गया था. कैमरे की मदद से राहुल पर लगातार नजर रखी जा रही है. आज सुबह राहुल ने एक केला भी खाया था. करीब 80 घंटों से अंदर फंसे बच्चे की ताकत कम होती दिख रही है.

पत्थर ने रोका रास्ता

बोर में फंसे राहुल साहू तक पहुंचने सुरंग खोदने का काम सोमवार शाम 7 बजे के करीब रोकना पड़ा. रास्ते में बहुत सख्त पत्थर आ गया है, जिसे औजारों से तोड़ने में मुश्किल हो रही है. अंदर बच्चे की जान पर खतरे को देखते हुए ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल करने का जोखिम बचाव दल नहीं ले रहा. लेकिन फिर भी बिलासपुर से खास ड्रिलिंग मशीन मंगाकर सुरंग की राह में बाधा बने पत्थर और चट्टान को काट कर सुरंग का रास्ता तैयार किया गया. बोर के पास आने के बाद मशीन से खुदाई रोकने के बाद हाथों से रास्ता तैयार करने की कोशिश चालू हुई है. बड़ी ड्रील मशीन आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन मे तेज़ी आ गई है. उम्मीद है कि अब राहुल का रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द सफल हो जाएगा. इस काम में लगातार चार जेसीबी, चार पोकलेन, दो हाइड्रा, दो चेन माउंटेन, स्टोन ब्रेकर, चार पिकअप, चार हाइवा की मदद से गड्‌डा खोदकर टनल बनाने का काम चलता रहा.

बोर में सांप दिखा

राहुल पर नजर रखने के लिए बोर के अंदर पहुंचाए गए कैमरे में एक सांप भी दिखा है. इसे लेकर बचाव दल की चिंता बढ़ गई है. सोमवार शाम को राहुल के पास भोजन भेजने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसने रस्सी के सहारे डाले गए भोजन को नहीं लिया है.

पानी में है राहुल, इसलिए सेहत की हो रही है चिंता

बोरवेल में फंसे राहुल लगातार अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहा है। अभी भी जिस जगह पर वह वह फंसा है वहां पर पानी का रिसाव हो रहा है। पानी में डूबे होने के कारण राहुल राहुल की सेहत की चिंता है और बॉडी में इंफेक्शन होने का खतरा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की टीम जूस और ORS के जरिए राहुल को एंटीबायोटिक दवाएं भी दे रहे हैं.

बोर का जलस्तर घटाने गांव के सारे बोर चालू

अंदर फंसे राहुल की गतिविधियों को कैमरे में से देखा जा रहा है. ग्राम पिहरीद में जिस बोर में राहुल फंसा हुआ है, उसका बढ़ता जल स्तर चुनौती बन रहा था. इसे घटाने के लिए दोपहर में पूरे गांव के दूसरे बोर चलाया गया. राहुल को बचाने के लिए ग्रामीणों ने सभी लगातार चालू रखा है पास सतगढ़ में बने 2 स्टापडेम से भी गेट खोलकर पानी को छोड़ा जा रहा है, ताकि पानी का स्तर कम हो.

रेस्क्यू में लग रहा हजारों लीटर डीजल

इस रेस्क्यू ऑपरेशन में चेन माउंटेन, हाइड्रा और पोकलेन ऐसी मशीनें हैं, जिसमें एक घंटे में 80 से 100 लीटर डीजल लगता है. रेस्क्यू ऑपरेशन में डीजल की कमी न हो इसके लिए दो डीजल टैंकर बुलाकर रखे गए हैं, जिससे लगातार इन मशीनों में डीजल की आपूर्ति की गई. मशीनें लगातार 35 से 40 घंटे तक चलाई गई. ऐसे में हजारों लीटर डीजल खपत होने का अनुमान है.

मुख्यमंत्री कर रहे हैं लगातार मॉनिटरिंग

राहुल को बचाने सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को फिर कलेक्टर जांजगीर-चांपा से की बात करके राहुल को बचाने के आॅपरेशन की जानकारी ली. राहुल के रेस्क्यू के बाद अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने के निर्देश कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल को दिए हैं.