मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश है : भूपेश बघेल

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रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का शुभारंभ

रायपुर (khabargali) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास के 10 साल छत्तीसगढ़ में गुजारे। भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान कितनी कठिनाई झेली पर अपनी मर्यादा नहीं खोई। भगवान राम जब वन गए तो मर्यादा पुरूषोत्तम बन गए। उनके इस चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश है। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को कला और साहित्य की नगरी रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित भव्य समारोह में तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का शुभारंभ किया। इस आयोजन में 12 राज्यों के 270 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इसमें छत्तीसगढ़ से 70 कलाकार व विदेशों से 27 कलाकार शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आगे कि आमजन श्रीराम से गहरी आत्मीयता इसलिए महसूस करते हैं क्योंकि श्रीराम सबके हैं, वे निषादराज के हैं, शबरी के हैं। सबसे अनुराग रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा रिश्ता राम से केवल वनवासी राम का नहीं है, बल्कि हमारा रिश्ता शबरी के राम, कौशिल्या के राम के रूप में भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश है। यहां सदियों से निवास कर रहे आदिवासियों, वनवासियों का प्रदेश है। भगवान राम का राजतिलक होना था, लेकिन वे वनवास गए, निषादराज से मिले, शबरी से मिले, ऋषि-मुनियों से मिले। हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ ही कौशल्या के राम से भी है, इसलिए वे हमारे भांजे हैं, हम छत्तीसगढ़वासी भांजे का पैर छूते हैं। चाहे छोटे हो चाहे बड़े, भांजे का पैर छूने का रिवाज है और यही हमारी संस्कृति हमारी परंपरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में शासकीय रूप से राष्ट्रीय स्तर पर रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्री राम के आदर्श चरित्र के श्रवण के लिए यह सुंदर आयोजन किया जा रहा है। यद्यपि यह राष्ट्रीय आयोजन है, लेकिन इसमें कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे देशों के दल भी हिस्सा ले रहे हैं, जिससे यह महोत्सव अंतरराष्ट्रीय हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने राष्ट्रीय रामायण उत्सव के दौरान सुंदर मार्चपास्ट भी देखा। इसमें रामनामी सम्प्रदाय का राम मार्चपास्ट भी देखा। इन्होंने पूरा जीवन श्री राम को समर्पित कर दिया है। इस तरह सबके अपने-अपने राम हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम कथा हमारे दिलों में बसी हुई है। हमारी सुबह राम-राम से होती है और शाम भी राम-राम से होती है। हमारे हर गांव में रामलीला की सुंदर मंडलियां बनी हुईं हैं। इस दौरान उन्होंने महोत्सव के लिए सजे पंडाल में सैकड़ों की तादाद में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ी संस्कृति को सहेजने का काम कर रही है। यहां की संस्कृति, परंपरा, खान-पान, तीज-त्योहार, घोटुल, देवगुड़ी, खेलकूद, और सांस्कृतिक विरासत के साथ आदिवासियों की संस्कृति को संवर्धन किया जा रहा है।

दूसरे राज्यों में छत्तीसगढ़ के तीर्थ यात्रियों को सुविधा देने 2-2 एकड़ जमीन

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए ओडिशा, उप्र, गुजरात, उत्तराखंड समेत उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है, जहां तीर्थ स्थल हैं और इनमें 2-2 एकड़ जमीन चाही है, ताकि हम अपने यात्रियों के लिए रहने की अच्छी व्यवस्था बना सकें। साथ ही हम अपने तीर्थ स्थलों को भी विकसित कर रहे हैं, ताकि हमारे यहां जो तीर्थयात्री आएं उन्हें भी अच्छी सुविधा मिल पाए।

सामूहिक हनुमान चालीसा का आयोजन

सामूहिक हनुमान चालीसा का आयोजन कार्यक्रम में सामूहिक हनुमान चालीसा का आयोजन हुआ। भक्ति गीतों के गायक दिलीप षडंगी ने यह प्रस्तुति दी। उनके साथ मुख्यमंत्री और हजारों दर्शक हनुमान जी की आराधना में लीन रहे।

कार्यक्रम के आरंभ में विभिन्न राज्यों और देशों से आए हुए दलों ने मार्चपास्ट किया। इंडोनेशिया व कंबोडिया से आए दलों ने अपने पारंपरिक परिधानों में लोगों का मन मोह लिया। रामनामी संप्रदाय के सदस्यों ने भी मार्चपास्ट किया। उत्तराखंड के दल की विशेषता यह रही कि इसमें अगुवाई रावण ने की। गोवा, कर्नाटक, ओडिशा, मध्यप्रदेश आदि राज्यों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।

इन्होंने यह कहा

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृति मंत्री  अमरजीत भगत ने कहा कि सीता राम चरित अति पावन, मधुर सरस अरु अति मनभावन। श्रीराम का आदर्श चरित्र हम सबको यहां सुनने को मिल रहा है निश्चय ही हम सब के लिए गौरव की बात है।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर यह अनुपम आयोजन हो रहा है। राम कथा के श्रवण से हम सब श्रीराम के आदर्शों पर आगे बढ़ने की प्रेरणा ग्रहण करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री  उमेश पटेल ने कहा कि राम वन गमन पथ के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों को विकसित करने का बड़ा काम किया है। पूर्व सांसद  नंद कुमार साय ने भवभूति का उदाहरण देते हुए कहा कि भवभूति ने भगवान श्री राम का जो चरित्र कहा है उसी चरित्र के मुताबिक गरीबों की सेवा का कार्य छत्तीसगढ़ में हो रहा है। छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत  रामसुंदर दास ने कहा कि छत्तीसगढ़ में श्रीराम से जुड़े स्थलों को बढ़ाने के लिए एवं गौठान में गौ सेवा के लिए बहुत अच्छा कार्य हो रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, विधायक प्रकाश नायक, रामकुमार यादव, रायगढ़ नगर निगम की महापौर श्रीमती जानकी काटजू, कलेक्टर रायगढ़ तारण प्रकाश सिन्हा, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

दूसरे दिन 8 राज्यों के रामायण दल देंगे प्रस्तुति

भजन संध्या में बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा की होगी प्रस्तुति

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ के दूसरे दिन ख्यातिप्राप्त राष्ट्रीय कलाकार बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा भजनों की प्रस्तुति देंगे। गौरतलब है कि 01 से 3 जून तक रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में किए जा रहे इस महोत्सव में रामायण के अरण्य काण्ड पर रामायण दलों की प्रतियोगिता प्रतिदिन आयोजित हो रही है। छत्तीसगढ़ के लोक गायक श्री दिलीप षड़ंगी अपनी टीम के साथ महोत्सव में प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसके साथ ही साथ प्रतिदिन रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन का मंचीय कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होगा। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे तथा स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। कार्यक्रम में दोपहर 2.15 बजे हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा तथा दोपहर 2.30 से रात्रि 8.30 बजे तक आयोजित अरण्यकाण्ड पर आधारित प्रतियोगिता में 8 राज्यों झारखण्ड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, असम, ओड़िसा, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ के दल हिस्सा लेंगे। भजन संध्या में रात्रि 8.30 बजे से 9.30 बजे तक ख्यातिप्राप्त राष्ट्रीय कलाकार बाबा हंसराज रघुवंशी तथा रात्रि 9.30 बजे से 10.30 बजे तक लखबीर सिंह लक्खा भजनों की प्रस्तुति देंगे।

महोत्सव के तीसरे दिन आकर्षण इंडोनेशिया के रामायण दल की प्रस्तुति होगी। इन रामायण दलों की प्रस्तुति में सर्वव्यापी भगवान श्रीराम की रामकथा के विविधतापूर्ण राष्ट्रीय-वैश्विक स्वरूपों की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकार भजन संध्या में अपनी संगीतमय प्रस्तुति देंगे। रामलीला मैदान में रामकथा की अविरल भावधारा बहेगी। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के अंतिम दिन हिन्दी के प्रख्यात कवि कुमार विश्वास अपनी विशेष प्रस्तुति ‘अपने-अपने राम म्युजिक नाईट’ से भगवान श्रीराम की महिमा का बखान करेंगे।

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