
रायपुर (khabargali) राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित 'निखरता छत्तीसगढ़ कॉन्क्लेव 2025' में मां मातंगी धाम के पीठाधीश्वर डॉ. प्रेमसाई जी महाराज को ग्यारह हजार किलो मिर्ची हवन के आयोजन हेतु मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सम्मानित किया गया। इस विशेष आयोजन में छत्तीसगढ़ की कई जानी-मानी हस्तियाँ मौजूद रहीं।
प्रधानमंत्री मोदी की कुलदेवी मां मातंगी
अपने उद्बोधन में डॉ. प्रेमसाई जी महाराज ने बताया कि मां मातंगी, दस महाविद्याओं में से नौवीं महाविद्या मानी जाती हैं। रायपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित मां मातंगी धाम में तीन महाविद्याएं — मातंगी, बगलामुखी और छिन्नमस्ता विराजमान हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की कुलदेवी भी मां मातंगी हैं, जिनके दर्शन वे गुजरात स्थित मोड़ेश्वरी मातंगी मंदिर में करते हैं।
समस्या का समाधान,पर्चा दर्शन के माध्यम
महाराज जी ने बताया कि मां मातंगी की साधना में उपवास या कठिन तप का स्थान नहीं है। वे इतनी करुणामयी हैं कि धाम आने वाला हर भक्त दुख लेकर आता है और समाधान पाकर लौटता है। यही कारण है कि मां मातंगी धाम को छत्तीसगढ़ का पहला त्रिकालदर्शी दिव्य दरबार माना जाता है, जहाँ भक्तों की समस्याओं का समाधान 'पर्चा दर्शन' के माध्यम से किया जाता है।
'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' है खतरा
उन्होंने यह भी बताया कि धाम में मौजूद मां बगलामुखी की साधना विशेष रूप से शत्रुनाश, न्यायिक विजय और तंत्र बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी जाती है। धाम में आने वाले अनेक लोग तंत्र-बाधा, प्रेत-बाधा और अन्य आत्मिक कष्टों से मुक्ति पाने आते हैं। कई बार यह बाधाएं धर्मांतरण या गलत जीवन मार्ग के प्रभाव से उत्पन्न होती हैं।
डॉ. प्रेमसाई जी महाराज ने सामाजिक चिंताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान समय में 'तंत्र जिहाद', 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' जैसे नए खतरे सामने आ रहे हैं, जिनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता का भी समय है।
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