नई दिल्ली (khabargali) कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) के सामने आने के बाद एक बार फिर पूरी दुनिया डरी हुई है। विश्व के कई देशों समेत भारत भी इस नए वेरिएंट को लेकर पूरी तरह अलर्ट है। यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर बैठकें हो रही हैं और केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के फैसले पर फिर से समीक्षा बैठक कर रही है। फिलहाल कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को भारत में घुसने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की, जिसे 1 दिसंबर से लागू किया जाएगा। इसके तहत सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को 14 दिन के यात्रा इतिहास और निगेटिव RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्ट पर अपलोड करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, जोखिम वाले देशों से जो यात्री आएंगे उनकी एयरपोर्ट पर ही कोरोना जांच की जाएगी और वहीं उन्हें रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें 7 दिन के लिए घर में क्वारंटाइन रहना होगा। 8वें दिन दोबारा जांच होगी और यदि निगेटिव पाया जाता है तो अगले 7 दिन तक खुद निगरानी करनी होगी। सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के अलावा यूनाइडेट किंगडम सहित यूरोपीय देशों, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरिसस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉन्ग-कॉन्ग और इजराइल को जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा है। इन देशों में पहले ही ओमीक्रॉन के केस सामने आ चुके हैं। इन 12 देशों से आने वाले यात्रियों की भारत में भी कोरोना जांच की जाएगी और क्वारंटाइन भी किया जाएगा।
WHO ने भी जताई है चिंता
शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ द्वारा इस नए वेरिएंट को बड़ी चिंता के रूप में उल्लेखित किया गया था। जिसके बाद इसे ओमाइक्रोन (Omicron) नाम दिया गया। यही वजह है कि मोदी सरकार आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की टेस्टिंग और निगरानी के प्रोटोकॉल और संचालन प्रक्रिया की समीक्षा खासतौर पर उन देशों के लिए कर रही है, जहां इस वायरस का जोखिम ज्यादा है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि इस वेरिएंट के संक्रमण को रोकने के लिए इसके जीनोमिक निगरानी को पहले से ज्यादा मजबूत और तेज किया जाएगा।
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