
रायपुर (khabargali) गुरु मायाधर राऊत ने 1943 में चंपू अभिनय ओडिशा में किया था, जिसे रायपुर के बच्चों ने ई मंच के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ में सीखा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पहली बार ऑफलाइन ओडिसी नृत्य कार्यशाला का आयोजन ईमंच फाउंडेशन एवं जयंतिका के संयुक्त तत्वाधान में होटल आई स्टे में किया गया। इस आयोजन में नई दिल्ली की प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना मधुमिता राउत और ओडिशा के नृत्य गुरु लकी मोहंती शामिल हुए। आयोजन में मधुमिता राऊत ने चंपू अभिनय सिखाया, जो की उनके पिता पद्मश्री गुरु मायाधर राउत ने 1943 में ओडिशा में किया था।

इस आयोजन में ओडिशा के कटक से पधारे गुरु लकी मोहंती ने पंच देव मंगलाचरण और पल्लवी सिखाया। कार्यशाला में अपने-अपने माता-पिता के साथ आये अलग अलग आयु वर्ग के 25 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डांस सीखते हुए प्रतिभागियों ने ओडिसी डांस की बारीकियों का भी अध्ययन किया । कार्यशाला पूर्ण रूप से निशुल्क थी , इसके लिए प्रतिभागियों से कोई शुल्क नहीं लिया गया था। नृत्य के टुकड़ों को सीखते हुए प्रतिभागियों ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य और ओडिसी व्याकरण की बारीकियों को भी सीखा। गुरुओं ने कहा कि जिस तरह से बच्चों ने ओडीसी नृत्य में रूचि लिया एवं प्रदर्शन किया, उसे देखते हुए रायपुर में ओडिसी नृत्य के लिए उज्जवल भविष्य हैं।
ईमंच के संस्थापक सी.ए. मदन मोहन उपाध्याय ने कहा कि गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से हमारा शास्त्रीय नृत्य इसी तरह प्रसिद्धि प्राप्त करता रहेगा, और गुरुओं की कृपा से फलीभूत होता रहेगा। कार्यशाला का शुभारम्भ रायपुर पश्चिम के विधायक एवं संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय द्वारा किया गया, और उन्होंने कहा की हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत एवं कलाकारों का सम्मान सम्पूर्ण विश्व में है, इस धरोहर को आगे बढ़ाने में हमारे नए कलाकारों की भूमिका काफी अहम् है, जो की वर्षों की साधना से आती है। इसलिए इस तरह की कार्यशाला होते रहना चाहिए। इस दो दिवसीय कार्यशाला का समापन उदबोधन आशीष मिश्रा जी द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन ईमंच के सचिव एवं तकनीकी प्रमुख श्री रजनीश पात्रा जी द्वारा किया गया।
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