प्रदेश मे अब फिल्म की शुटिंग होगी कलेक्टर की अनुमति से, NOC की गारंटी सिर्फ 30 दिनो में

Movie NOC khabargali

रायपुर(khabargali)। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की दिक्कतों के बीच सिनेमा उद्योग के लिए एक राहत भरी खबर है। सरकार ने फिल्म की शूटिंग के NOC, पंजीयन और नवीनीकरण के के लिए सिंगल डैश बोर्ड की सुविधा शुरू कर दी है। NOC जारी करने के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। पिछले दिनों रायपुर में फिल्म सिटी के निर्माण पर भी सरकार ने योजना बनाई थी। अब इसमें भी तेजी आने के संकेत हैं। प्रदेश के कई प्राकृतिक खूबसूरती वाले लोकेशन्स को देखते हुए यह समझा जा रहा है कि यदि यहां फिल्मों की शूटिंग में मदद की गई तो बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशक भी आकर्षित होंगे।

समय सीमा में प्रमाणपत्र जारी करने के लिए इसे लोक सेवा गारंटी कानून में भी शामिल कर लिया गया है। अब आवेदन देने के 30 दिनों के भीतर कलेक्टर को प्रमाणपत्र देना होगा। संस्कृति विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक फिल्म शूटिंग के लिए निःशुल्क अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने जिले के कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। इस सेवा के सुचारू क्रियान्वयन के लिए संभागायुक्त को सक्षम अधिकारी एवं संचालक संस्कृति को अपीलीय अधिकारी बनाया गया है। इस सेवा को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित करते हुए 30 दिवस की समयावधि निर्धारित की गई है।

संस्कृति विभाग में विशेष सेल करेगा मदद

अधिकारियों ने बताया, फिल्म निर्माण के लिए अनापत्ति प्राप्त करने की आवेदन प्रक्रिया के संबंध में आवश्यक जानकारी के लिए विभाग में एक फिल्म सेल का गठन किया गया है। इसमें फिल्म निर्माण से जुड़े परामर्श एवं मार्गदर्शन भी उपलब्ध होगा।

प्रदेश के ये लोकेशन्स किसी से कम नहीं

फिल्म इंडस्ट्री को यदि कनेक्टिविटी, शासन की मदद, सुरक्षा और सुविधाएं मिल जाएं तो छत्तीसगढ़ में ऐेसी खूबसूरत, हरी-भरी वादियों, झील-झरनों की कमी नहीं है जो देश-विदेश के लोकेशन्स को टक्कर दे सके। बस्तर का चित्रकोट जलप्रपात जब पूरी रवानी में होता है तो विश्वप्रसिद्ध नियाग्रा फाल की याद दिला देता है। यहां का तीरथगढ़ फॉल, कुटुमसर की गुफाएं, दंतेवाड़ा की घाटियां, ढोलकाल की पहाड़ियां और अनदेखे कई झरने ऐेसे हैं जो सभी तरह की फिल्मों के लिए परफेक्ट लोकेशन हो सकते हैं।

कवर्धा का चिल्फी, भोरमदेव, सूपखार के जंगल, मुंगेली का अचानकमार टाइगर रिजर्व, सरगुजा का मैनपाट, कोरिया का अमृतधारा जलप्रपात, राजिम का त्रिवेणी संगम, प्रदेश के कई जिलों से गुजरती महानदी का विशाल रेतीला पाट, इंद्रावती नदी के किनारे, अमरकंटक से लगे हुए घने जंगल जैसे अनगिनत स्थान यहां मौजूद है। बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशकों की नजर यदि इन नजारों पर पड़ जाए और सरकार उन्हें सुरक्षा, सुविधाएं देने का वादा करे तो जल्दी ही छत्तीसगढ़ फिल्मी दुनिया का चहेता लोकेशन हो जाएगा।

Newton khabargali

ऑस्कर में भेजी गई न्यूटन की शूटिंग हुई है

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी फिल्मों की लगातार शूटिंग हुई है। एक अनुमानित आंकड़ें के मुताबिक 250 फिल्मों की शूटिंग यहां के अलग-अलग लोकेशन्स पर हो चुकी है। गानों के कई एलबम और शार्ट फिल्म व डाक्यूमेंट्री भी शूट हो चुकी है। लेकिन बॉलीवुड को प्रदेश आकर्षित नहीं कर पाया है। बॉलीवुड निर्माताओं ने पिछले सालों में महज 3-4 फिल्मों की लोकेशन्स के लिए प्रदेश को चुना। इसमें सबसे महत्वपूर्ण राजकुमार राव स्टारर न्यूटन है। इसे ऑस्कर के लिए भी भेजा गया था।

नक्सल इलाके में चुनाव कराने के विषय पर आधारित इस फिल्म की शूटिंग दल्ली-राजहरा समेत कुछ स्थानों में हुई थी। एक और चर्चित फिल्म भूलन-द मेज की शूटिंग भी प्रदेश में हुई है। यदि प्रदेश में फिल्म निर्माण को सहयोग की बात होती है तो निश्चित रूप से बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के साथ-साथ रोजगार भी तेजी से बढ़ेगा।