पहले कहा था- अटल आडवाणी के दौर की जो बीजेपी थी, वो पार्टी अब उस रूप में नहीं है. परिस्थितियां बदल चुकी हैं''
अब ये कहा- मेरे सामने यथकिंचित जो परिस्थितियां उपस्थित हुई हैं उसे देखकर मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के करारी शिकस्त के बाद पार्टी में इस्तीफों का दौर चल रहा है। बीजेपी से कांग्रेस में आए छत्तीसगढ़ के दिग्गज आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया है। इसके लिए उन्होने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को लेटर भेज दिया है। जिसके बाद से छत्तीसगढ़ की सियासी हलचल बढ़ गई है। चुनाव से ठीक पहले नंद कुमार साय ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था, लेकिन पार्टी ने नंद कुमार साय को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया। साथ ही चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई। ऐसे में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही साय ने मौके का फायदा उठाया है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि साय फिर से अपने पुराने घर यानी बीजेपी में आ सकते हैं। यानी बीजेपी में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि इस बात को लेकर नंदकुमार साय अभी तक कोई बयान सार्वजनिक नहीं किया है। नंद कुमार के इस इस्तीफे को सीएम विष्णु देव साय से हुई मुलाकात से भी जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव को बधाई देने पहुंचे थे
10 दिसंबर को आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में विष्णुदेव साय का नाम विधायक दल ने चुना था। मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होते ही विष्णुदेव को बधाई देने वालों का तांता लगा था। रायपुर में बधाई देने वालों की भीड़ में आदिवासियों की राजनीति करने वाले कद्दावर नेता नंदकुमार साय भी विष्णुदेव साय को बधाई देने पहुंचे। करीब घंटे भर इंतजार के बाद नंदकुमार साय की मुलाकात तो हुई थी, लेकिन भारी भीड़ के कारण महज कुछ सेकेंड की मुलाकात के बाद नंदकुमार साय मीडिया से नजरे बचाते हुए लौट गए। जिसके बाद से नंदकुमार साय के घर वापसी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थी।
कांग्रेस ने सीएसआईडीसी का मुखिया बनाया पर टिकट नहीं दिया
1 मई 2023 तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में नंद कुमार साय ने रायपुर में बड़े धूमधाम से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी। इसके बाद नंद कुमार साय कांग्रेस के सभी बड़े प्रोग्राम में शामिल हुए। सरकारी कार्यक्रमों में पूरे चुनाव भर साय भूपेश बघेल के साथ रहे। बघेल ने साय को छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का चेयरमैन बनाया था। लेकिन नंदकुमार साय को कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने की प्रबल उम्मीद थी। साय की उम्मीदों को उस वक्त धक्का लगा जब कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा का टिकट ही नहीं दिया।
नंद कुमार साय ने इस्तीफा में क्या लिखा
कुछ समय पूर्व किन्ही स्थितियों के कारण मैंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। कुछ दिनों तक पार्टी में रहकर निष्ठा पूर्वक कार्य भी किए। मेरे सामने यथकिंचित जो परिस्थितियां उपस्थित हुई हैं उसे देखकर मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं।
बीजेपी से यह कहते हुए दिया था इस्तीफा
30 अप्रैल को नंद कुमार साय ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर दिया था. इस दौरान नंद कुमार साय ने कहा था कि ''अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहा हूं। अटल बिहारी वाजपेयी को फॉलो करता था। अटल आडवाणी के दौर की जो बीजेपी थी, वो पार्टी अब उस रूप में नहीं है. परिस्थितियां बदल चुकी हैं।''
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