भारतीय वायुसेना विमानों को उच्चतम मानकों पर कर रही अपग्रेड
नई दिल्ली। (khabargali) देश की वायुसेना की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है अब सीमा पर चीन की चालबाजियों के बीच राफेल लड़ाकू जेट सौदा बृहस्पतिवार को पूरा हो गया। फ्रांस में बना 36वां लड़ाकू जेट यूएई के रास्ते भारत पहुंच गया। वायुसेना को भारतीय उपमहाद्वीप के आकाश में अपना वर्चस्व हासिल करने में मदद मिलेगी। भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, राफेल सौदा पूरा हो गया। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने भी इसको लेकर बधाई दी और ट्वीट किया, हमें गर्व है कि भारत की वांछित तकनीक से लैस सभी राफेल भारतीय धरती पर पहुंच गए।
सीमा पर कड़ी निगहबानी के साथ किसी भी नापाक हरकत का माकूल जवाब देने में सक्षम -
राफेल सौदे के तहत अब तक मिले 35 लड़ाकू विमानों को विशेष सुरक्षा रणनीति के तहत हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में तैनात किया गया है। इन एयरबेस से राफेल उत्तरी और पूर्वी सीमा पर दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत का माकूल जवाब देने में सक्षम है। साथ ही सीमा पर कड़ी निगहबानी भी करेगा। वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कहा, आरबी टेल नंबर वाला 36वां विमान फ्रांस से हमें प्राप्त हो गया है। इसके सभी पुर्जों और अन्य पुर्जों को बदल दिया गया था क्योंकि इसका उपयोग विकासात्मक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। इस बीच, भारतीय वायुसेना ने भी विमानों को उच्चतम मानकों पर अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। इन्हें भारत की जरूरतों के आधार पर तकनीक व उपकरणों से लैस किया जा रहा है।
मीटियोर, स्काल्प मिसाइलों से राफेल को किया लैस-
वायुसेना ने अब तक मिल चुके राफेल लड़ाकू विमानों को हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर और हवा से जमीन पर मार करने वाली स्काल्प मिसाइलों से लैस कर दिया है। इसके अलावा राफेल के तरकश में हैमर मिसाइलें भी हैं जिससे यह पलक झपकते ही कम दूरी पर दुश्मन का सफाया कर सके। 4.5 पीढ़ी के उन्नत लड़ाकू विमान राफेल ने भारत को रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं में दक्ष कर दिया है। यह लंबी दूरी की हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में हवाई अभ्यास किया-
अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव के बीच वायुसेना ने बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक बड़ा अभ्यास शुरू किया। इस अभ्यास में राफेल लड़ाकू विमानों को भी शामिल किया गया है। इस अभ्यास के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि बड़े पैमाने पर किए जा रहे इस दो दिवसीय अभ्यास में लगभग सभी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान एवं क्षेत्र में तैनात अन्य परिसंपत्तियां शामिल की गई हैं।
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