नई दिल्ली (खबरगली) एक देश एक चुनाव को आज कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट से पास होने के बाद अब इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस कानून की वकालत करते हुए कहा था कि लगातार चुनाव देश की प्रगति में बाधा बन रहे हैं.
एक दिन पहले कोविंद ने की थी वकालत
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के बाद यह फैसला आया है. इससे लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे. यह सब 100 दिनों के अंदर होगा। सरकार का मानना है कि इससे देश की जीडीपी में 1-1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी. कई नेताओं ने इस फैसले का समर्थन किया है.उनका कहना है कि बार-बार चुनाव से समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं. बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा था कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर आम सहमति बनानी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला किसी एक दल का नहीं, बल्कि पूरे देश के हित में है.
नेताओं के आने लगे रिएक्शन
वन नेशन वन इलेक्शन के कैबिनेट से पास होने के बाद नेताओं के रिएक्शन भी आने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक है. एक चुनी हुई सरकार की समय से पहले हटाना या किनारे करना या किसी की अवधि बढ़ाना भी ठीक नहीं. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि पहले मसौदा आने दीजिए। पढ़ने के बाद तय करेंगे. वायनाड सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन का सदन में पुरजोर विरोध करेंगे.
एक राष्ट्र, एक चुनाव पैनल की सभी सिफारिशें
1. हर साल बार-बार चुनाव कराने से अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए एक साथ चुनाव बहाल करने की सिफारिश की.
2. पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव तिथियों को एक साथ करना शामिल है. इसके बाद, नगरपालिका और पंचायत चुनाव 100 दिनों के भीतर होंगे.
3. आम चुनाव के बाद, राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं, जिसमें लोकसभा की बैठक की तिथि को 'नियत तिथि' घोषित किया जाएगा, ताकि निरंतर समन्वय सुनिश्चित हो सके.
4. नवगठित राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले आम चुनावों के साथ छोटा किया जाएगा.
5. समिति इन सुधारों के सफल क्रियान्वयन की निगरानी और सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यान्वयन समूह की स्थापना की सिफारिश करती है.
6. यह पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए की शुरूआत का सुझाव देता है और सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए अनुच्छेद 325 में संशोधन का प्रस्ताव करता है.
7. सदन में बहुमत न होने या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में नए चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन नव निर्वाचित सदन का कार्यकाल अगले आम चुनाव तक ही रहेगा.
8. समिति सदन में बहुमत न होने या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में नए चुनाव कराने की वकालत करती है. नव निर्वाचित लोकसभा पिछली लोकसभा के शेष कार्यकाल को पूरा करेगी, जबकि राज्य विधानसभाएं लोकसभा के कार्यकाल समाप्त होने तक जारी रहेंगी, जब तक कि उसे पहले भंग न कर दिया जाए.
9. चुनाव आयोग को सलाह दी जाती है कि वह कुशल चुनाव प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम और वीवीपैट जैसे आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए सक्रिय रूप से योजना बनाए.
10. समिति सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और पहचान पत्र प्रणाली का प्रस्ताव करती है.
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