न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कहा- गुजारा भत्ता प्रावधान सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म कोई भी हो

नई दिल्ली (khabargali) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया कि एक मुस्लिम महिला आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-125 के तहत अपने शौहर से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा कि सीआरपीसी का यह ‘धर्मनिरपेक्ष और धर्म तटस्थ’ प्रावधान सभी शादीशुदा महिलाओं पर लागू होता है, फिर चाहे वे किसी भी धर्म से ताल्लुक रखती हों।