अगले 5 सालों में भारत में पेट्रोल हो जाएगा बैन

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नितिन गडकरी का बड़ा दावा, कहा- भारत में होगा गाड़ियों में बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल

नई दिल्ली (khabargali) देश में पेट्रोल के बैन होने की कल्‍पना भी शायद आम आदमी नहीं कर सकता लेकिन, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि आने वाले 5 साल में देश में पेट्रोल पर प्रतिबंध लग जाएगा और देश में इसकी जरूरत ही नहीं रहेगी। केंद्रीय मंत्री के इस दावे की हकीकत तो भविष्‍य में ही पता लगेगी, लेकिन अगर पेट्रोल का कोई सस्‍ता विकल्‍प देश में लागू होता है तो यह आम आदमी के लिए बहुत बड़ी राहत की बात होगी।

गडकरी के इस बयान को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के फ्यूचर से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल नितिन गडकरी हमेशा से इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जोर देते रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार भी इलेक्‍ट्र‍िक वाहनों को खूब प्रमोट कर रही है। नितिन गडकरी के इस बयान से अंदेशा लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में सरकार इन इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पर और जोर देगी।

दरअसल केंद्रीय मंत्री न‍ित‍िन गडकरी महाराष्‍ट्र के अकोला में डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस मौके पर गडकरी को कृषि विश्वविद्यालय ने ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की उपाधि भी प्रदान की. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्‍ट्र के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी ने की ।

इस समारोह में उन्होंने पेट्रोल के अन्य विकल्पों की बात की। उऩ्होंने कहा कि भारत में गाड़ियों में बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एथेनॉल के इस्तेमाल के सरकार के फैसले से देश ने 20000 करोड़ रुपए सालाना की बचत की है। उन्होंने कहा वो दिन दूर नहीं जब गाड़ियां ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल और सीएनजी पर चलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन को कुएं में तैयार किया जा रहा है। इस ग्रीन हाइड्रोजन को को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। इसकी कीमत 70 रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है।

किसान बने ऊर्जादाता

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि अब विदर्भ में बने बायो-एथेनॉल (bio-ethanol) का इस्तेमाल वाहनों में किया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन (Green hydrogen) का निर्माण कुएं के पानी से किया जा सकता है और इसे 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि अगले पांच वर्ष में देश से पेट्रोल खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ गेहूं, चावल, मक्का आदि परंपरागत फसलें उगाने से किसान का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल नहीं हो सकता। किसान को अब लीक से हटकर कुछ करना होगा। गडकरी ने कहा कि किसानों को अब अन्‍नदाता के साथ ही ऊर्जा दाता बनने की भी जरूरत है।

इथेनॉल है बचत का भंडार

गडकरी ने कहा कि इथेनॉल पर एक फैसले से देश को 20,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। निकट भविष्य में दोपहिया और चार पहिया वाहन ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल और सीएनजी पर आधारित होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कि विदर्भ से कपास बांग्लादेश को निर्यात करने की योजना है, जिसके लिए विश्वविद्यालयों के सहयोग की आवश्यकता है। विदर्भ में किसानों की आत्महत्या को रोकने में विश्वविद्यालय अहम योगदान दे सकते हैं।