अफसरशाही ने किया छत्तीसगढ़ शासन की किरकिरी, तीन आईएएस अधिकारियों को उच्च न्यायालय ने जारी किया वारंट और अवमानना का नोटिस

Bureaucracy brought disrepute to Chhattisgarh government, High Court issued warrant and contempt notice to three IAS officers, Khabargali

रायपुर / बिलासपुर (खबरगली) स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया , सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत और सचिव गृह (जेल ) विभाग हिमशिखर गुप्ता को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सख्ती बरतते हुवे तीनो आईएएस अफसरों पर 50-50 हजार का जमानती वारंट जारी किया है और 4 सितंबर को व्यक्तिगत उपस्थित होने तलब किया है । जेल डीजी हिमांशु गुप्ता (IPS) और अपर मुख्य सचिव गृह ( जेल ) मनोज कुमार पिंगुवा समेत पांचो अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी हुआ है ।

बता दें इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन जेल में कार्यरत फार्मासिस्टों को उनके अधिकार का वेतनमान दिलाने गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात किया था तब विजय शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया था लेकिन गृह विभाग के अधिकारी मंत्री जी के निर्देश को अनसुना कर सुप्रीमकोर्ट चले गए जहां भी शासन को मुंह की खानी पड़ी । समान काम समान वेतन का पालन नहीं होने पर फार्मासिस्टों ने लगाई थी याचिका छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग, स्वास्थ्य एवं सामान्य प्रशासन में पदस्थ तीन आईएएस अधिकारियों को माननीय उच्च न्यायालय ने घोर अवमानना का दोषी मानते हुए बड़ी कार्रवाई की है। न्यायालय ने इन अधिकारियों के खिलाफ ₹50-50 हजार का जमानती वारंट जारी कर आगामी 4 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।

मामला वर्ष 2013 से जुड़ा है, जब जेल विभाग में कार्यरत 17 फार्मासिस्ट ग्रेड-2 कर्मियों ने वेतन असमानता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लंबी सुनवाई के बाद वर्ष 2023 में न्यायालय ने उनके पक्ष में 13 पृष्ठों का विस्तृत निर्णय सुनाया। लेकिन शासन की ओर से आदेशों का पालन नहीं किया गया। शासन द्वारा इस फैसले के खिलाफ 2024 में हाईकोर्ट की युगल पीठ में अपील दायर की गई, जिसे अदालत ने 7 अक्टूबर 2024 को खारिज कर दिया। इसके बाद मई 2025 में शासन की ओर से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया, मगर वहां भी याचिका विचारण योग्य न मानते हुए खारिज कर दी गई। फैसले के पालन में टालमटोल से व्यथित होकर याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता प्रवीण सोनी एवं उनकी सहयोगी अधिवक्ताओं विजयिता साहू, शीतल सोनी आदि के माध्यम से अवमानना याचिका दाखिल की। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने साफ कहा कि शासन के जिम्मेदार अधिकारी अदालत के आदेशों की अवमानना कर रहे हैं, जिसके चलते अब यह कड़ी कार्रवाई की गई है। अब देखना यह होगा कि 4 सितंबर को जब ये अधिकारी अदालत में पेश होंगे, तब इस प्रकरण में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

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