सरगुजा में जनजातीय धरा पर उतरी परंपराओं की दिव्य छटा, राष्ट्रपति मुर्मू बनीं प्रेरणा का केंद्र
सरगुजा (खबरगली) जनजातीय गौरव दिवस 2025 के अवसर पर सरगुजा की पावन धरा आज ऐतिहासिक और प्रेरणादायी क्षणों की साक्षी बनी, जब देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति से पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया। इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक श्री पुरंदर मिश्रा भी प्रमुख रूप से शामिल हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का छत्तीसगढ़ आगमन अपने आप में जनजातीय समाज के सम्मान, संस्कृति और सशक्तिकरण के प्रति उनकी संवेदनशीलता का प्रतीक रहा। वहीं विधायक पुरंदर मिश्रा ने राष्ट्रपति महोदया का आत्मीय स्वागत कर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, सरगुजा की परंपराओं और जनजातीय समाज के गौरव को अत्यंत स्नेहपूर्वक प्रस्तुत किया।
पीजी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित इस भव्य समारोह में राष्ट्रपति ने जनजातीय परंपराओं, वनोपज आधारित प्रदर्शनी, पारंपरिक आभूषण, जनजातीय व्यंजन, औषधीय जड़ी-बूटियों, वाद्ययंत्रों एवं जनजातीय आवास मॉडलों का विस्तार से अवलोकन किया। परंपरागत अखरा स्थल और जनजातीय आस्था के केंद्र देवी–देवताओं की प्रतिकृति देवगुड़ी में पहुँचकर उन्होंने पूजा-अर्चना कर जनजातीय संस्कृति को सम्मान दिया। कलिंदर राम द्वारा राष्ट्रपति को पैरी और गमछा भेंट किए जाने का क्षण पूरे समारोह का विशेष आकर्षण बना। राष्ट्रपति ने इसे अत्यंत आत्मीयता से स्वीकार करते हुए राज्य की समृद्ध परंपराओं और जनजातीय कलाओं की प्रशंसा की।
इस ऐतिहासिक आयोजन में विधायक श्री पुरंदर मिश्रा लगातार सक्रिय रहे और विभिन्न प्रदर्शनी स्टॉल, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं जनजातीय कलाकारों से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया। राष्ट्रपति और राज्य नेतृत्व की उपस्थिति में उनकी भूमिका ने न केवल उत्तर विधानसभा क्षेत्र बल्कि पूरे सरगुजा के गौरव को नई पहचान दी। समारोह में राष्ट्रपति द्वारा नक्सल प्रभावित परिवारों से संवाद, जनजातीय नायकों का सम्मान और आदिवासी इतिहास पर भावुक संबोधन ने पूरे प्रदेश में गर्व और संवेदनशीलता की नई अनुभूति जगाई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं राज्यपाल श्री रमेन डेका ने भी जनजातीय समाज के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए विकास, सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयासों की जानकारी दी। अंबिकापुर का यह आयोजन छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक वैभव, जनजातीय परंपराओं की जीवंतता और राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन का अनूठा संगम बनकर सामने आया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक गरिमा प्रदान की तथा जनजातीय गौरव दिवस को अविस्मरणीय बना दिया।
कार्यक्रम में राज्यमंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार श्री दुर्गा दास उईके, राज्यमंत्री आवास एवं शहरी मंत्रालय भारत सरकार श्री तोखन साहू, आदिम जाति विकास विभाग कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री श्री रामविचार नेताम, प्रभारी मंत्री जिला सरगुजा एवं वित्त वाणिज्यिक कर विभाग मंत्री श्री ओमप्रकाश चौधरी, पर्यटन संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, वन एवं जलवायु परिवर्तन परिवहन सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सरगुजा सांसद श्री चिंतामणी महाराज, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव, महापौर अम्बिकापुर श्रीमती मंजुषा भगत जी के साथ लाखों के संख्या में भाजपा एवं नागरिकगण उपस्थित रहे।
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