
रायपुर (khabargali) पिछले पांच माह से आयुष्मान भारत योजना (शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना) के तहत इलाज के एवज में 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि नहीं मिलने पर ज्यादातर निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज बंद है और मरीजों से नकद राशि ली जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि आयुष्मान का पैसा नहीं मिलने के कारण वे फ्री में इलाज करने में असमर्थ हैं।
प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान के तहत इलाज का भुगतान नहीं होने से न केवल अस्पताल, बल्कि मरीज भी परेशान हो रहे हैं। यह समस्या आंबेडकर, डीकेएस अस्पताल में भी है। अस्पतालों के अनुसार मार्च से राशि भुगतान नहीं की गई है। इससे अस्पताल संचालकों के सामने स्टाफ को वेतन देने में दिक्कतें आ रही हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि नियमित भुगतान नहीं होने से न केवल छोटे, बल्कि बड़े अस्पतालों के संचालन में भी परेशानी हो रही है। कुछ निजी अस्पताल पेमेंट नहीं होने का हवाला देकर मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं। वहीं, कुछ मामलों में इलाज करने के एवज में कैश भी ले रहे हैं।
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