नेताओं-पत्रकार पर लगा प्रताड़ना का आरोप, मुआवजे की लालच का ऑडियो भी वायरल
देश भर के डॉक्टर्स में फैला आक्रोश
दौसा/ नई दिल्ली/ रायपुर (khabargali) राजस्थान के दौसा में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत बाद जिस लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा पर केस दर्ज किया गया था, उसने खुदकुशी कर ली है। सुसाइड करने वाली डॉक्टर के पति ने नेताओं-पत्रकार पर लगाया प्रताड़ना का आरोप लगाया है और मुआवजे की लालच का ऑडियो भी लीक हो कर खूब वायरल हो रहा है। इस घटनाक्रम के बाद देश भर के डॉक्टर्स में आक्रोश फैल गया है। देश के डॉक्टरों के अलग- अलग संगठनों के साथ छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी की तरफ से संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने भी पत्र लिख कर मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर गिरफ्तार किया जाये। पुलिस अफसरों और प्रसूता के परिजनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट-2008 के तहत कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन तेज किया जायेगा।
देश भर के डॉक्टर्स नाराज
देश भर के डॉक्टर्स इस मामले को लेकर अपनी तीख़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राजस्थान के डॉक्टर आज हड़ताल पर चले गए। प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी ने बंद का आह्वान कर दिया। जार्ड ने भी कार्रवाई नहीं होने पर सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। इससे नाराज़ होकर आईएमए ने राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का ऐलान किया है। आईएमए ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अगर अस्पताल में मौत हुई है तो इलाज में लापरवाही की धारा 304 लगाकर और कमेटी बनाकर जांच कर सकते हैं। आईएमए ने कहा कि यहां तो राजनैतिक दबाव में अस्पताल के पूरे स्टाफ़ के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया गया है।
आगरा के 1450 निजी अस्पताल, क्लीनिक, पैथोलाजी, इमेजिंग सेंटर आदि गुरुवार सुबह छह से शुक्रवार सुबह छह बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। चिकित्सक भी मरीजों का इलाज नहीं करेंगे। दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर भी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।
सुसाइड नोट में यह लिखा था
सुसाइड नोट में महिला चिकित्सक ने खुद को बेगुनाह बताया है और लिखा है कि 'मैंने किसी को नहीं मारा...मेरा मरना ही शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे।' मैं पति और बच्चों को बहुत प्यार करती हूं। मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान नहीं करना। मैंने कोई गलती नहीं की और किसी को नहीं मारा। पीपीएच एक जटिलता है, डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। डोंट हरेस इनोसेंट डॉक्टर्स प्लीज. मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस मत होने देना।"
CM अशोक गहलोत बोले-
दोषी बख्शे नहीं जाएंगे इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है, हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं, हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है। अगर इस तरह डॉक्टरों को डराया जाएगा तो वे निश्चिन्त होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे, हम सभी को सोचना चाहिए है कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टरों से ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है, इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है एवं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मृतका के पति ने लगाए इन पर आरोप
वहीं मृतका के पति डॉ. सुनीत उपाध्याय ने राज्य के भाजपा नेता और लालसोट विकास मोर्चा के अध्यक्ष शिवशंकर बाल्या जोशी और राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर महेश बिहारी सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं पर आरोप लगाया है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिसमें पैसे के लेन-देन की बात की जा रही है। वहीं, मृतका के भाई पवन शर्मा ने भी आरोप लगाया कि बाल्या जोशी उनकी बहन को कई महीनों से प्रताड़ित कर रहा था। वायरल वीडियो में डॉ. उपाध्याय ने ये कहा वायरल वीडियो में डॉ. उपाध्याय ने कहा, “परसों आशा बैरवा नाम की एक महिला की डिलीवरी हुई थी हॉस्पिटल में और वो लेडी कॉम्प्लीकेटेड थी। पहले उसको लालसोट से रेफर किया दौसा, दौसा से रेफर किया जयपुर। जयपुर से फिर उनलोगों का (मरीज के परिजनों का) फोन आया कि साहब यहाँ जबरदस्ती हमारा लाइगेशन (नसबंदी) भी करेंगे। हमारी तीन लड़कियाँ हैं। अगर आप जबरदस्ती लाइगेशन ना करो तो हम लालसोट आ जाएँ। हमने कहा कि कोई प्राइवेट हॉस्पिटल क्यों लाइगेशन करेगा। ये आपकी इच्छा है। उस महिला का पहली सिजेरियन (ऑपरेशन के जरिए बच्चे का जन्म) भी यहीं हुआ था और उसके ट्विन्स हुए थे। तब वो लालसोट आ गए। उसकी डिलीवरी हो गई। नॉर्मल सिजेरियन हो गया उसका। दो घंटे बाद उसे मैसिव बीपीएस हुआ, एटॉनिक पीपीएच हुआ। हम बहुत देर तक, दो घंटे तक जूझते रहे उससे। दो यूनिट ब्लड भी चढ़ाया, पर हम उसको बचा नहीं पाए। उसके घरवालों ने ये सब चीज देखी थी कि हमने कितनी मेहनत करी उसपे, सारा हॉस्पिटल बंद करके, सारी ओपीडी बंद करके। घरवाले तो हाथ जोड़ते हुए हमसे कह रहे थे कि साहब आपने तो पूरी कोशिश की थी बचाने की, लेकिन हमारी तकदीर खराब थी। तो उन्होंने कहा कि साहब एंबुलेंस भेजवा दो बस इसको घर छुड़वाने के लिए तो हमने एंबुलेेंस उनको फ्री में भेजी और वे (शव को) घर ले गए और अंतिम संस्कार की तैयारियाँ करने लगे।” इस मामले को राजनीतिक पक्ष को लेकर उन्होंने कहा, “इसी दौरान मुझे किसी ने बताया कि शिवशंकर बाल्या जोशी, मरीज के घर जा के उनको उठाके लेके आया कि मैं तुमको खूब अच्छा मुआवजा दिलवाऊँगा और लाश को लाकर अस्पताल के आगे पटक दिया। 100-200 लोगों की भीड़ इकट्ठा कर ली और भारतीय जनता पार्टी के कुछ और नेताओं को बुला लिया उसने। हरकेश मटलाना, जितेंद्र गोठवाल और फिर ये बात भी आ रही थी कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी आ रहे हैं।” इस मामले में उनके पति डॉ. उपाध्याय ने राजस्थान पत्रिका के एक पत्रकार महेश बिहारी पर भी सवाल उठाया। उसने हमारा पक्ष नहीं छापा। उसने सिर्फ एकतरफा खबर छापी। “अगले दिन सुबह डॉ. अर्चना ने जब ये खबर पढ़ी तो वो घबरा गई थी। बोली बाल्या जोशी और पत्रकार महेश बिहारी क्या मुझे जेल भेज देंगे? फिर मैंने उसको समझाया कि ऐसे जेल नहीं होती है, पर शायद उसकी दहशत नहीं पाई।”
कथित दलित नेता का वीडियो भी वायरल
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर एक और ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मृतक मरीज के परिजनों को उकसाते हुए रुपए के लेन-देन और मुआवजे की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि जो मृतक मरीज के घरवालों से बात कर रहा है वो कोई दलित नेता है। हालाँकि, ख़बरगली इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
- Log in to post comments