छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग उठ रही है
पटाखों के धुएं से कोरोना संक्रमितों को हो सकता है नुकसान, रहे सावधान.. बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से की अपील..
नई दिल्ली (khabargali) कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच वायु प्रदूषण ने देश की राजधानी में खतरनाक हालात पैदा कर दिए हैं। दिल्ली में दिवाली से पहले ही प्रदूषण की वजहों से हवा की गुणवत्ता 'खतरनाक स्तर' पर पहुंच चुकी है। शुक्रवार को दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया। कोरोना वायरस और वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राज्य में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली से पहले कई और जागरूक राज्य भी पटाखों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग उठ रही है। चिकित्सकों के संगठन आईएमए ने राजस्थान में लाए गए अध्यादेश का हवाला देकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित किया है।
राजस्थान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। अगर कोई भी सरकार के आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके ऊपर 2000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
ओडिशा
ओडिशा सरकार ने भी पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य में 10 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक पटाखे जलाने या बेचने पर प्रतिबंध रहेगा। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सिक्किम
सिक्किम सरकार ने भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया। राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा, 'हाल के दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में तो गिरावट आई है लेकिन इस बात का खतरा है कि पटाखों के जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ेगा जो कोरोना वायरस के मरीजों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कोलकाता हाईकोर्ट ने वकील सब्यसाची चटर्जी की जनहित याचिका पर अहम फैसला देते हुए कहा कि इस साल काली पूजा, दिवाली और छठ पूजा पर राज्य में पटाखे जलाने और बेचने पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही कोर्ट ने विसर्जन जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने शुक्रवार को दिवाली के संबंध में गाइडलाइन जारी करते हुए राज्य के लोगों से अपील की, कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए दीपावली पर पटाखे ना जलाएं। वहीं, इससे पहले गुरुवार को बीएमसी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि दिवाली पर सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। बीएमसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कर्नाटक
शुक्रवार को कर्नाटक सरकार ने भी कोरोना वायरस के हालात को देखते हुए राज्य में पटाखे जलाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी कर दिया जाएगा। आयातित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध इन राज्यों के अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश ने भी आयातित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रतिबंध की मांग की
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के रायपुर अध्यक्ष डा. अनिल जैन, सचिव डा. आशा जैन तथा हास्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डा. राकेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजे गए पत्र में आशंका जताई है कि पटाखे से उठाने वाले धुएं से कोरोना की स्थिति और गंभीर हो सकती है, इसलिए इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और गैर सरकारी संगठन हेल्थ आॅफ द नेशन्स स्टेट्स के साथ मिलकर कराए सर्वे के अनुसार वायु प्रदूषण से पीड़ित जो मरीज अस्पतालों में पहुंचते हैं उनमें से छत्तीसगढ़ में 3667 रोगियों की मृत्यु हो जाती है।
पटाखों का धुआं कोरोना संक्रमितों के लिए घातक : स्वास्थ्य विभाग, बिलासपुर
दिवाली के त्यौहार में हर पटाखों के धुएं से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। इस बार यह धुआं कोरोना संक्रमितों के लिए घातक हो सकता है। इसे देखते हुए बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह पटाखों की दिवाली की जगह दियों की दिवाली मनाएं। लोगों के सहयोग से न सिर्फ प्रदूषण कम होगा बल्कि कोरोना संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके वे लोग जो फेफड़े और शरीर में कमजोरी तथा अस्थमा व एलर्जी से पीड़ित हैं, उनको पटाखों के धुएं से यथासंभव दूरी बनाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसे लोगों के लिए पटाखे का धुआं बहुत खतरनाक हो सकता है। आमतौर पर रोशनी का त्यौहार दिवाली अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है, लेकिन अस्थमा या एलर्जी पीड़ित मरीजों की समस्या इन दिनों अपेक्षाकृत बढ़ जाती है। डॉक्टर मानते हैं कि पटाखों के धुएं से फेफड़ों में सूजन आ सकती है, जिससे फेफड़े अपना काम ठीक से नहीं कर पाते और हालात यहां तक भी पहुंच सकते हैं कि ऑर्गेन फेलियर और मौत तक हो सकती है, इसलिए धुएं से बचने की कोशिश करना चाहिए। पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा का अटैक आ सकता है। ऐसे में जिन लोगों को सांस की समस्याएं हो, उन्हें अपने आप को प्रदूषित हवा से बचा कर रखना चाहिए।
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