बंदूक का जवाब, बंदूक से, चर्चा से नहीं : विजय शर्मा

Gun is answered with gun, not with discussion: Vijay Sharma New Naxalite surrender and victim relief rehabilitation policy implemented Home Minister Sharma again said: State government is ready for talks with Naxalites, Chhattisgarh, Khabargali

छत्तीसगढ़ में नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण व पीड़ित राहत पुनर्वास नीति लागू

गृहमंत्री शर्मा ने फिर कहा: राज्य सरकार नक्सलियों से वार्ता के लिए तैयार

रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवादी आत्मसमर्पण व पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को लागू कर दिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने एक बार फिर कहा है कि राज्य सरकार नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि बंदूक का जवाब गोली से होता है, चर्चा से नहीं। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक अहम कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण व पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है।

विशेष समितियों के गठन के निर्देश 

उन्होंने बताया कि गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। उनके मुताबिक, यह नीति, नक्सल हिंसा के पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों तथा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है।

अधिकारियों ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक जिले में गठित होने वाली समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामित दो अन्य अधिकारी तथा सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा।

विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा

उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले एवं उपमंडल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। यह अधिकारी सभी पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि राज्य गठन के बाद से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का चयन कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए। अधिकारियों ने बताया कि इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित रूप से अवलोकन कर राहत एवं पुनर्वास के कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस नीति के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को समय सीमा में प्रभावी रूप से पूरा करेंगे।

नक्सलियों से वार्ता के लिए कोई समिति नहीं बनेगी

इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने एक बार फिर कहा है कि राज्य सरकार नक्सलियों से बातचीत करने के लिए तैयार है। उनके पास ही गृह विभाग का प्रभार है। शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार नक्सलियों से बातचीत के लिए किसी प्रकार से समिति का गठन नहीं करेगी और यदि नक्सली कोई समिति का गठन करते हैं तब उस समिति के साथ बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई पुनर्वास नीति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से आग्रह किया है कि वे हिंसा छोड़ें और मुख्यधारा से जुड़ें तथा यदि नक्सली बंदूक उठाएंगे तब सुरक्षाबल भी बंदूक उठाने के लिए बाध्य रहेंगे। शर्मा ने कहा कि यदि नक्सली हिंसा छोड़ कर मुख्यधारा से जुड़ेंगे तो उनका स्वागत किया जाएगा।

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