भौतिकवाद में आकर हम अपने मानवीय गुणों को भुला बैठे - कुलपति वर्मा

Prajapita Brahmakumari Ishwariya Vishwavidyalaya, Educational Services Division, All-round development of children, Vishwa Shanti Bhawan Chaubey Colony, Summer Camp, inauguration of Swami Vivekananda Technical University.  Vice-Chancellor Dr. M.K.  Verma, Information Commissioner Ashok Aggarwal, Brahma Kumari Savita Didi, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

सकारात्मक सोच से मिलती है सफलता - अग्रवाल

हम गैजेट्स को चलाएं वह हमें नहीं चलाए - स्मृति दीदी

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प का शुभारम्भ

रायपुर (khabargali) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प का शुभारम्भ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी वि.वि. के कुलपति डॉ. एम.के. वर्मा, सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और ब्रह्माकुमारी स्मृति ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।

स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय हम भौतिकवाद में आकर अपने मानवीय गुणों को भूला बैठे हैं। हमारी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि वह हमें बाहरी दुनिया के साथ-साथ अन्तर्जगत की भी शिक्षा दे। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि शिक्षा का उद्देश्य हमारे आन्तरिक गुणों का विकास करना होना चाहिए। उन्होने बच्चों से कहा कि रोज रात को साने से पहले दस मिनट अपने से बातें करें और अपनी दिनचर्या को चेक करें। ऐसा करके आप स्वयं ही अपना अच्छा दोस्त बन सकते हैं। स्वयं से बात करने से खुद को सुधारने का मार्ग अपने अन्दर से ही आपको मिलेगा। आप स्वयं ही अपना गुरू बन जाएंगे।

सूचना आयुक्त (आईएएस) अशोक अग्रवाल ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। परिस्थितियाँ आएंगी लेकिन उसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर आगे बढ़ें तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने बतलाया कि उनका बचपन छोटे से गांव में बीता जहाँ पर बिजली नहीं थी। लालटेन की रोशनी में पढ़कर वह बड़े हुए। किन्तु सकारात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें आगे बढऩे में मदद की। यह जरूरी नहीं कि हरेक बच्चा आईएएस या आईपीएस बने। अपनी योग्यता को पहचान कर आगे बढ़ें तो सफलता अवश्य मिलेगी।

ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि विगत उन्नीस वर्षों से ब्रह्माकुमारी संस्थान में समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यहाँ पर बच्चों के व्यक्तित्व का विकास कैसे हो यह शिक्षा दी जाती है। पहले गुरूकुल में बच्चों को अनुशासन और जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाती थी किन्तु आज बच्चों को नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इसलिए समर कैम्प के माध्यम से हम बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा देते हैं।

ब्रह्माकुमारी स्मृति दीदी ने कहा कि आजकल सफलता की परिभाषा बदल गई है। लोग पढ़ाई और खेलकूद में आगे बढऩे को ही सफलता मान लेते हैं और मानवीय एवं नैतिक गुणों को धारण करने पर ध्यान नहीं देते। बहुत से बच्चे मोबाईल, टेलीविजन और कम्प्यूटर के प्रभाव में आकर उसी में व्यस्त रहने लगे हैं। पहले हम गैजेट्स को चलाते थे, अब वह हमें चला रहे हैं। अब हमें डॉक्टर, इन्जीनियर के साथ अच्छा इन्सान बनना है। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी दीदी ने किया।

Category