अंकारा/दमिश्क (khabargali) तुर्की में आज यानी सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आने से हाहाकार मच गया। भूकंप इतना खतरनाक था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजराइल में भी महसूस किए गए। तुर्की में सबसे प्रभावित शहरो में राजधानी अंकारा, नूरदगी समेत 10 शहर रहे। अधिकारियों के मुताबिक तुर्की में अब तक 3200 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और हजारों लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 810 लोग मारे गए हैं। इस तरह दोनों जगह कुल मिलाकर करीब 3200 लोगों के मारे जाने की खबर है।आगे ये आंकड़े और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ये भूकंप के झटके सोमवार को सुबह आए, जब लोग घरों के अंदर थे और सो रहे थे।
तुर्की में सोमवार को तीसरी बार भूंकप के झटके महसूस किए गए। इस बार भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6 मापी गई है। ये झटके पांच बजकर 32 मिनट पर महसूस किए गए इससे पहले भारतीय समयानुसार तीन बजकर 54 मिनट पर भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.5 मापी गई। उसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. अंदर था। प्रारंभिक भूकंप के बाद 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए, जिसमें 7.5-तीव्रता का झटका भी शामिल है।
इससे पहले सुबह छह बजकर 58 मिनट पर आए भूकंप के झटकों से तुर्की, सीरिया में 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों इमारतें जमीदोज हो गईं और हजारों लो घायल हुए हैं। ऐसे में कुछ ही घंटों बाद आए इस दूसरे तेज झटके ने सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। डेनिश भूवैज्ञानिक संस्थान का कहना है कि तुर्की में भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए हैं।
भारत पूरी मदद करेगा
भारत के प्रधानमंत्री ने घटना पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।
भूकंप आने का क्या कारण है?-
1.धरती का अंदर का भाग अलग-अलग प्लेटों से बना होता है, जो एक दूसरे से सटी होती हैं।
2. अक्सर ये प्लेटें खिसकती हैं और पास की प्लेटों से घर्षण होता है. कभी कभार तनाव इतना बढ़ जाता है कि एक प्लेट, दूसरी पर चढ़ जाती है जिससे सतह पर भी हलचल होती है।
3. इस मामले में अरेबियन प्लेट उत्तर की ओर खिसक रही है और एनातोलियन प्लेट से इसका घर्षण हो रहा है।
4. प्लेट के बीच घर्षण ही अतीत में भी विनाशकारी भूकंपों का कारण रहा है।
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