
देशभर के कुल 50 शिक्षकों को 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित
नई दिल्ली/ रायपुर (khabargali) राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को छत्तीसगढ़ से शासकीय अपर प्रायमरी स्कूल खेदामारा दुर्ग की शिक्षिका के. शारदा का भी चयन पुरस्कार के लिए किया गया है। इसमें विजेताओं को 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार, रजत पदक और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। देशभर के कुल 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया जाएगा। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शिक्षकों को यह पुरस्कार देने वाली हैं।
उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 का उद्देश्य भारत के कुछ बेहतरीन संकाय सदस्यों के विशिष्ट योगदान को मान्यता देना है। छात्रों के जीवन में बदलाव लाने में शिक्षकों के प्रयासों को सम्मान देने के लिए यह पुरुस्कार दिया जा रहा है।
बैसाखी के सहारे चलती हैं शारदा और दाहिना हाथ भी काम नहीं करता
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की शिक्षिका के. शारदा ने.... वे बैसाखी के सहारे चलती हैं और दाहिना हाथ भी काम नहीं करता, लेकिन काम के प्रति समर्पण ऐसा कि कोरोनाकाल में मोहल्ला क्लास में बच्चों को पढ़ाया। पढ़ाई से जुड़े 270 से ज्यादा वीडियो अपलोड किए और खुद की वेबसाइट तैयार कर बच्चों को मदद की।अब उन्हें राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने जा रहा है। शिक्षिका शारदा जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा में बच्चों को पढ़ाती हैं। कोरोना में बच्चों के लिए बनी मदद वे साल 2009 से इस स्कूल में सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार और चुनौतियों का सामना करके मिसाल पेश की है... उनकी इसी काबिलियत ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।
शारदा जी ने कोविड-19 महामारी के दौरान सीमित संसाधनों के बावजूद ऑनलाइन और मोहल्ला कक्षाओं की शुरुआत की। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि छात्रों की शिक्षा बिना किसी रूकावट के जारी रहेगी।
ऐसे होता शिक्षकों का चयन
हर साल, योग्य और इच्छुक उम्मीदवार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए आवेदन पत्र जमा करते हैं। यह पुरस्कार देश भर के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक के सभी संकाय सदस्यों के लिए होता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए चयन प्रक्रिया दो चरणों में होती है। इसमें उम्मीदवारों की पहली शॉर्टलिस्टिंग के लिए एक रिसर्च और स्क्रीनिंग की जाती है। इसके बाद जूरी नीमा एक समीति बनाई जाती है। जो शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों में से पुरस्कार विजेताओं का अंतिम चयन करती है।
- Log in to post comments