रायपुर (खबरगली) प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना से जुड़े कथित भूमि अधिग्रहण घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की। रायपुर से लेकर महासमुंद तक कुल 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। यह कार्रवाई रायपुर और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के बीच प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में दिए गए मुआवजे में अनियमितताओं के आरोपों के तहत की गई है।
भारतमाला परियोजना के मुआवजे में गड़बड़ी का शक
ईडी सूत्रों के अनुसार, भारतमाला परियोजना के अंतर्गत सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीनों के मुआवजे में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है। आरोप है कि वास्तविक भूमि स्वामियों की जगह कथित तौर पर कुछ प्रभावशाली लोगों और बिचौलियों को अधिक मुआवजा दिलाया गया।
रायपुर–महासमुंद में एक साथ कार्रवाई
ईडी की टीमों ने रायपुर और महासमुंद जिले में फैले 9 परिसरों पर छापेमारी की। इनमें कारोबारी हरमीत सिंह खानुजा, उनके कथित सहयोगियों, कुछ सरकारी अधिकारियों और संबंधित भूस्वामियों के ठिकाने शामिल बताए जा रहे हैं। छापेमारी के दौरान दस्तावेज, डिजिटल डेटा और वित्तीय लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच
प्रवर्तन निदेशालय इस पूरे मामले को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच रहा है। एजेंसी को शक है कि मुआवजे की राशि को अलग-अलग खातों के जरिए घुमाकर अवैध संपत्तियों में निवेश किया गया।
आगे बढ़ सकती है कार्रवाई
ईडी अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के बाद मिले सबूतों के आधार पर पूछताछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। फिलहाल कार्रवाई जारी है और आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है।
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