रायपुर ( khabargali) मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सुशासन तिहार के अंतिम चरण में धमतरी की सभा से घोषित 5000 शिक्षकों की भर्ती फिलहाल अटकती नजर आ रही है। घोषणा के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू तो कर दी, लेकिन ड्राफ्ट तैयार करने और अनुमोदन में देरी हो गई। इसके बाद जब पिछले महीने स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के परीक्षा नियंत्रक को भर्ती परीक्षा कराने के लिए पत्र भेजा, तो वहां से साफ जवाब मिला कि तत्काल शिक्षक भर्ती परीक्षा कराना संभव नहीं है।
व्यापम चेयरमैन रेणु पिल्ले ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि व्यापम पर पहले से ही विभिन्न विभागों की भर्ती परीक्षाओं का भारी दबाव है। व्यापम का वार्षिक परीक्षा कैलेंडर पहले ही तैयार हो चुका है और उसमें नई परीक्षाओं को शामिल करने की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, व्यापम के पास भर्ती परीक्षाओं की लंबी वेटिंग लिस्ट है, जिसके चलते नवंबर 2026 से पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा होना मुश्किल माना जा रहा है।
सरकारी गलियारों में चर्चा है कि यदि हाई लेवल हस्तक्षेप होता है, तभी व्यापम शिक्षक भर्ती परीक्षा पर दोबारा विचार कर सकता है। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि यह हस्तक्षेप करेगा कौन? व्यापम चेयरमैन रेणु पिल्ले न केवल सख्त और तेज-तर्रार अधिकारी मानी जाती हैं, बल्कि वे छत्तीसगढ़ की सबसे सीनियर आईएएस अधिकारियों में भी शामिल हैं। ऐसे में सिस्टम के भीतर भी कई अधिकारी उनसे सीधे बात करने से हिचकते हैं। यही वजह है कि जब तक व्यापम खुद कोई निर्णय नहीं लेता, तब तक शिक्षक भर्ती की दिशा में कोई ठोस संकेत नहीं दिख रहा है।
30 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की घोषणा के अनुसार, राज्य में कुल 30 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रस्तावित है। हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह भर्ती चरणबद्ध तरीके से होगी। पहले चरण में 5000 नए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद आने वाले वर्षों में शेष पदों पर भर्ती की जाएगी। सरकार का दावा है कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह भर्ती बेहद जरूरी है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार शिक्षक भर्ती के मापदंड पूरी तरह व्यवहारिक रखे गए हैं। पिछली भर्तियों से सबक लेते हुए इस बार नियमों में आवश्यक बदलाव किए गए हैं, ताकि किसी तरह की कानूनी अड़चन न आए।
अधिकारियों का दावा है कि भर्ती का ड्राफ्ट “ठोक-बजाकर” तैयार किया गया है और इसे विधिक दृष्टि से मजबूत बनाया गया है। तीन साल बाद होगी शिक्षक भर्ती छत्तीसगढ़ में करीब तीन साल बाद शिक्षक भर्ती होने जा रही है। पिछली सरकार के कार्यकाल में 14 हजार शिक्षकों की भर्ती का ऐलान किया गया था, लेकिन वास्तव में करीब 10 हजार के आसपास ही नियुक्तियां हो पाईं। ये भर्तियां 2021 से 2023 के बीच चली थीं।
इसके बाद से राज्य में नई शिक्षक भर्ती नहीं हो सकी, जिससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी लगातार बनी हुई है। पिछली बार की गलतियों से सबक पिछली भर्ती में सरकार को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त कर दिया गया था। इसके लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। नतीजतन 2800 से अधिक सहायक शिक्षकों की नौकरी चली गई और लंबे समय तक आंदोलन चला। बाद में सरकार को कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उनके लिए अलग से भर्ती करनी पड़ी।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बार किसी भी कीमत पर ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं। इसलिए भर्ती नियमों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि व्यापम की व्यस्तता के चलते अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने भर्ती वादे को जमीन पर कब उतार पाती है।
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