
देश में वक्फ बोर्ड वर्तमान में 9.4 लाख एकड़ में फैली 8.7 लाख प्रॉपर्टीज को कंट्रोल करते हैं, जिसका अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है
30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली कुल 8.8 लाख वक्फ संपत्तियों में से 73,000 से अधिक विवादित
रायपुर (खबरगली) पिछले सप्ताह संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) आज मंगलवार से लागू हो गया है. 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी मंजूरी दे दी थी. संसद द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक पूर्ण बहुमत के साथ पारित हुआ था. वक्फ कानून बनने के बीच वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर सोशल मीडिया से लेकर गली नुक्कड़ तक चर्चा इन दिनों आम है. बता दें कि वक्फ बोर्ड वर्तमान में 9.4 लाख एकड़ में फैली 8.7 लाख प्रॉपर्टीज को कंट्रोल करते हैं, जिसका अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है. भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग है. सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद बोर्ड देश के सबसे बड़े भूस्वामी भी है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली कुल 8.8 लाख वक्फ संपत्तियों में से 73,000 से अधिक विवादित हैं. ये विवादित संपत्त विधेयक के तहत नए प्रावधानों से प्रभावित हो सकती हैं. वक्फ (संशोधन) बिल के पास होने के बाद अब सभी प्रदेशों से वक्फ की संपत्तियों का ब्यौरा मंगाया जाने लगा है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में भी छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने बताया कि प्रदेश के सभी मुतवल्लियों को एक सर्कुलर भी जारी कर वक्फ बोर्ड की जितनी भी संपत्तियां हैं, इसका लेखा-जोखा मंगाया जा रहा है.
डॉ सलीम राज के अनुसार छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की करीब 5 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. लेकिन 90 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति पर अवैध कब्जा है. मुतवल्ली इस जमीन को औने-पौने किराये पर ले रखे है और उसी जगह को किसी और को देकर हर महीने बड़ी रकम अपनी जेब में कर रहे हैं. उदाहरण के लिए बोर्ड की बेशकीमती जमीन को पांच सौ रु. किराये में ले रखे हैं और उसे 5 हजार में किसी और को किराये पर दे दिया है. 500 रुपये जमा कर रहे हैं। शेष 4900 जेब में जा रहा है. इस प्रकार वक्फ को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है.
प्रदेश की सभी 3200 मस्जिदों के मुतवल्लियों को वक्फ की संपत्ति का ब्यौरा भेजने के निर्देश
सर्कुलर के मुताबिक प्रदेश की सभी 3200 मस्जिदों के मुतवल्लियों को अपने-अपने क्षेत्र में स्थित वक्फ बोर्ड की संपत्तियां और आय-व्यय का पूरा लेखा-जोखा राज्य बोर्ड को भेजना होगा. यह तमाम लेखा-जोखा राज्य बोर्ड की ओर से बनाये जा रहे पोर्टल पर डाला जाएगा, ताकि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर पूरी पारदर्शिता बरती जा सके.
जानिए छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में वक्फ की कितनी संपत्ति?
राज्य वक्फ बोर्ड के मुताबिक छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों में 3500 करोड़ रुपए की संपत्तियां हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में 1500 करोड़ की संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास है. बोर्ड के अफसरों के मुताबिक रायपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर, मुंगेली, धमतरी और दुर्ग समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 2006 संपत्तियां मौजूद है.
मुसलमानों को हक दिलाने के लिए वक्फ बिल- सलीम राज
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज ने संसद में पारित वक्फ विधेयक को मुस्लिम समाज के लिए उम्मीदों और तरक्की का रास्ता करार दिया है. उन्होंने कहा, ''यह बिल तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के उद्धार के साथ-साथ गरीब मुसलमानों को उनका हक दिलाने के लिए है.'' उन्होंने दावा करते हुए आगे कहा, ''वक्फ बोर्ड की 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति पर 90 फीसद कब्जा भू-माफिया, समाज के ठेकेदारों और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने किया हुआ है.''
यूपी में वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्ति, दूसरे पर है पश्चिम बंगाल
वक्फ एक निजी संपत्ति है, जिसे मुसलमानों द्वारा किसी विशिष्ट उद्देश्य - धार्मिक, धर्मार्थ या निजी उद्देश्यों के लिए अलग रखा जाता है. जबकि संपत्ति के लाभार्थी अलग-अलग हो सकते हैं, संपत्ति का स्वामित्व अल्लाह को माना जाता है. केंद्र सरकार द्वारा बनाए रखा जाने वाला वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) डेटाबेस सभी वक्फ संपत्तियों, उनके प्रकार, प्रबंधन और वर्तमान स्थिति का रिकॉर्ड रखता है. इस डेटाबेस के मुताबिक 8.8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं. उत्तर प्रदेश के सुन्नी और शिया बोर्ड 2.4 लाख के साथ सबसे अधिक वक्फ संपत्ति वाला राज्य है. यूपी के बाद पश्चिम बंगाल (80,480), पंजाब (75,511), तमिलनाडु (66,092) और कर्नाटक (65,242) में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं. यूपी के अलावा बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां अलग-अलग सुन्नी और शिया बोर्ड हैं, बाकी सभी राज्यों में एकीकृत वक्फ बोर्ड हैं.
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