जनता के लिए आवाज उठाने वाला पत्रकार खुद शोषण का शिकार : राज गोस्वामी

The journalist who raises his voice for the public is himself a victim of exploitation, Chhattisgarh Active Journalist Association State President Raj Goswami, Manoj Singh Baghel, State General Secretary Chunky Pandey, Khabargali

संयुक्त पत्रकार महासभा दो अक्तूबर को राजधानी रायपुर में पत्रकारों की आवाज को बुलंद करने वाली है

रायपुर (khabargali) दुनिया में कितना गम है.. तेरा गम देखा तो अपना गम भूल गया । यह लाइन शहर से लेकर आंचलिक स्तर तक के लिए लागू होती है..। एक पत्रकार अपनी समस्या छोड़ हमेशा दूसरों के लिए शासन प्रशासन के सामने उनकी की बात रखता रहा है। भारत के लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का सिपाही जो हर किसी की आवाज है। वो आजादी के 75 साल बाद भी अपने बहुत से मूलभूत अधिकारों से वंचित है। सरकारों को आईना दिखाने वाले पत्रकारों के लिए सरकारों ने जब जब नीतियां बनाई तो वे किसी भूल भुलैया से कम नहीं रही है। इन नीतियों में सुधार और समानता की बात पत्रकार और पत्रकार संघ समय-समय पर करते रहे है लेकिन कोई बड़ी उपलब्धि अभी तलक नही मिल पाई है। इसी कड़ी में अपने अधिकारों की एक बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए खंड खंड में बटे पत्रकार संघों को जोड़ कर संयुक्त पत्रकार महासभा दो अक्तूबर गांधी जयंती के दिन राजधानी रायपुर में पत्रकारों की आवाज को बुलंद करने वाली है।

The journalist who raises his voice for the public is himself a victim of exploitation, Chhattisgarh Active Journalist Association State President Raj Goswami, Manoj Singh Baghel, State General Secretary Chunky Pandey, Joint Journalist Mahasabha is going to raise the voice of journalists in the capital Raipur on October 2, Gandhi Jayanti, Khabargali,

संयुक्त पत्रकार महासभा के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ प्रदेश अध्यक्ष राज गोस्वामी ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक पत्रकारिता के माध्यम तकनीक और आयाम तरक्की करते रहे है। लेकिन इस क्रमिक विकास में पत्रकार कभी तरक्की नहीं कर सका है। जनता के शोषण के लिए आवाज उठाने वाला पत्रकार खुद शोषण का शिकार रहा है। आलम यह है कि इस पत्रकार वर्ग के लिए सरकारों की ओर से बनाई जाने वाली नीतियां कागजों तक सीमित रही है। धरातल पर लाभ सबको बराबर नहीं मिल पाया जिसकी वजह से सभी पत्रकारों को उनका वास्तविक हक बराबर नहीं मिला है। बल्कि इस दौर में सत्ता और शासन प्रशासन की प्रताड़ना के शिकार पत्रकार अलग हुआ है। ऐसे कई मामले है।

सक्रिय पत्रकार संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनोज सिंह बघेल का कहना है कि पत्रकारिता हमेशा एक चुनौती रही है इस चुनौती के बीच हम अपने अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए समस्त पत्रकार संघों की ओर से बनाए मंच संयुक्त पत्रकार महासभा का एक वृहद आयोजन करने जा रहे है। जो छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता एवं पत्रकारों के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस सामूहिक मंच पर पत्रकारों के हित तथा उनकी रक्षा के साथ पत्रकारों के मूलभूत अधिकारों की लड़ाई एकजुटता के साथ लड़ने का संकल्प सभी पत्रकार संघ लेंगे ।

छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव चंकी पांडेय ने बताया कि आकाशवाणी चौक के पास स्थित ग्रास मेमोरियल ग्राउंड में 2 अक्टूबर को पत्रकारिता संकल्प सभा को सफल बनाने में भी हमारा संघ दृढ़ संकल्पित है, हमारी ओर से इस नेक पहल को पूरा समर्थन है। यह आयोजन पत्रकारों के हितों की रक्षा करने में मिल का पत्थर साबित होगी। बताते चले की प्रदेश के अनेक पत्रकार संघों की पिछली बैठक में संयुक्त समिति के गठन के बाद पत्रकारों के सुरक्षित भविष्य को लेकर कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिसमे पत्रकार सुरक्षा कानून विधेयक पारित कराने से लेकर, पत्रकार कल्याण कोष,पत्रकारों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं, स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा, अधिमान्यता में सरलीकरण के अलावा, छोटे मझोले अखबारों को चलाने मे सहायक शासन की ओर से मिलने वाले विज्ञापन के बंद किये जाने, वेब पत्रकारिता, यूटूबरों की पत्रकारिता जैसे मुद्दे है।इसमें उनके हित संवर्धन व सुरक्षा एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई थी उपस्थित संगठनों के पदाधिकारियों ने पत्रकारिता संकल्प सभा में कई अन्य प्रस्ताव को पारित करने का निर्णय लिया है।

 

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