जूम वीडियो कॉलिंग ऐप सुरक्षित नहीं, सरकार ने जारी की चेतावनी

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नई दिल्ली (khabargali) इन दिनों भारत में लॉकडाउन चल रहा है। कंपनियों और कई राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग घर से काम कर रहे हैं। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जूम ऐप का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जा रहा है। यह एक फ्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप है। इसके जरिए यूजर एक बार में 100 लोगों से बात कर सकता है। अब, गृह मंत्रालय ने उसी के बारे में चेतावनी दी है और बताया है कि डार्क वेब पर 500 हजार से ज्यादा जूम अकाउंट बेचे गए। इसके अलावा, कुछ खातों को एक पैसा से भी कम में दिया गया था।  जूम ऐप सुरक्षित नहीं है। बताया जा रहा है कि इस ऐप के जरिए पर्सनल डाटा आसानी से चोरी किया जा सकता है। वीडियो कॉलिंग भी हैक की जा सकती है। गुरुवार को गृह मंत्रालय ने इस ऐप के इस्तेमाल को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। कहा गया है कि यह ऐप सुरक्षित नहीं है। इससे कोई भी सरकारी मीटिंग नहीं की जाएगी, इसका इस्तेमाल कोई ना करे।

लॉकडाउन के बीच एक टॉप विकल्प बन गया 

लॉकडाउन के बीच यह ऐप स्पष्ट रूप से लोगों के बीच एक टॉप विकल्प और लोकप्रिय उपकरण बन गया है। इसका उपयोग कंपनियों, स्कूलों और कई उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। एमएचए के दिशानिर्देशों में कहा गया है, “अधिकांश सेटिंग्स वेबसाइट पर उपयोगकर्ताओं के ज़ूम अकाउंट में लॉग इन करके, या पीसी / लैपटॉप / फोन पर इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन और कॉन्फ्रेंस के संचालन के दौरान भी की जा सकती हैं।” गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि ऐप में कुछ कमजोरियां हैं, इसलिए आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इसके उपयोग से बचना अनिवार्य है क्योंकि यह डेटा को एन्क्रिप्ट कर सकता है।

तीन महीनों में 20 गुना बढ़े एक्टिव यूजर्स

दुनियाभर में हुए लॉकडाउन के कारण वर्क फ्राम होम की शुरुआत हुई है। इसके बाद इस ऐप को बेतहाशा फायदा हुआ है। दिसंबर 2019 में इसके एक्टिव यूजर्स एक करोड़ थे, जो तीन महीने में बढ़कर 20 करोड़ हो गए।

अमेरिका में ऐप पर मुकदमा, जर्मनी ने इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया

अमेरिका में इस ऐप पर मुकदमा दायर किया गया है। कहा गया है कि इसका डेटा फेसबुक के साथ शेयर हो रहा है। साथ ही इस ऐप से यूजर के वेबकैम को हैक किया जा सकता है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भी जूम ऐप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ दिग्गज सर्च इंजन गूगल और एलन मस्क की स्पेस एक्स एजेंसी ने भी इस ऐप को बैन किया हुआ है। सिंगापुर ने भी टीचर्स के लिए इस ऐप के इस्तेमाल पाबंदी लगा दी है। ब्रिटेन में इसी ऐप के जरिए कैबिनेट मीटिंग हुई थी। ये थोड़ी देर में ही इंटरनेट पर आ गई थी।

इसी ऐप के जरिए रक्षामंत्री ने सेना प्रमुखों के साथ की थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक अप्रैल को जूम ऐप से ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत के अलावा आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के चीफ से मीटिंग की थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी एप्पल के मैकबुक एयर लैपटॉप से इसी ऐप वीडियो कांफ्रेसिंग करते दिखे थे। 

भारत की प्रमुख पार्टियां करती रही हैं जूम ऐप से मीटिंग

भाजपा और कांग्रेस इस ऐप का भरपूर इस्तेमाल करती रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ऐप के माध्यम से ही अधिकतर कांग्रेस वर्किंग कमेटी को संबोधित कर चुकी हैं। इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह, भूपेश बघेल, आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद भी इसका उपयोग कर रहे हैं।

जूम उठा रहा कई कदम

जूम ने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा में चूक को लेकर हो रही आलोचनाओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. जूम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक युआन ने बुधवार को उन कदमों की जानकारी दी जो कंपनी डेटा हैकिंग और किसी व्यक्ति द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग कॉल में जबरन घुसपैठ करने यानी ‘जूमबॉम्बिंग' से होनी वाली परेशानियों के खिलाफ कंपनी उठा रही है.
सिलिकॉन वैली के इस स्टार्टअप ने यह भी कहा कि वह कमियों का पता लगाने के लिए साइबर सुरक्षा कंपनी ‘लूटा सिक्योरिटी' और उसके ‘‘बग बाउंटी'' कार्यक्रम के साथ काम रही है जो उन शोधकर्ताओं को इनाम देती है जो उसके काम में सुरक्षा संबंधी कमियों का पता लगाते हैं. जूम ने हाल ही में आई उस खबर पर बात की जिसमें कहा गया कि अपराधी उपयोगकर्ताओं की ‘लॉग-इन' सूचना ‘‘डार्क वेब'' पर बेच रहे हैं.
जूम ने कहा कि वह ऐसी प्रणाली बनाने पर काम कर रहा है जिसमें यह पता चल जाए कि क्या लोग यूजरनेम और पासवर्ड चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं. जूम की सुरक्षा में किए गए सुधार में ऐसे टूलबार भी शामिल है जिसमें अजनबियों के लिए चैट को लॉक करने तथा बैठक करने संबंधी पासवर्ड आवश्यकताओं को डिफॉल्ट सेटिंग बनाया जा सकता है.

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