
नियमित जारी करने मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र
रायपुर (khabargali)2023 में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता लगने से ठीक पहले राज्य के विभिन्न नगरों के साथ नगर में करीब 70 योगासन केंद्रों का बड़े जोर शोर के साथ शुभारंभ किया था। इन योग केन्द्रों में योगासन संचालित करने वाले आचार्यों की नियुक्ति की गई थी। इन आचार्यों को इन केंद्रों में का संचालन शुरू करने से पहले रायपुर में सप्ताह भर तक योग आयोग के द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया था। इन उन केंद्रों का संचालन कर रहे योग आचार्यों को अभी जुलाई 2024 तक 9 महीने हो चुके हैं। अभी तक मानदेय नहीं हुआ है। शिक्षकों ने इस परेशानी के संबंध में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को पत्र भेज कर शीघ्र जनहित में इस मामले में उचित निराकरण का निवेदन किया है।
मानदेय नहीं मिलने की स्थिति में इन योग केदो के बंद हो जाने की आशंका है। जबकि आचार्य रोज शासन की गाइडलाइन के अनुसार अपने मोहल्ले में योगासन केंद्रों का संचालन पूरे समर्पण भाव से कर रहे हैं। वे रोज योगासन की फोटो व्हाट्सएप के द्वारा योग आयोग के अधिकारियों तक भेज भी रहे हैं। वे सभी गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। वे अपनी उपेक्षा पर हतोत्साहित निराश हो रहे हैं। लिहाजा तत्काल इस विषय को संज्ञान में लेते हुए संबंधित योग आचार्यों को ससम्मान 09 महीने से रुका हुआ मानदेय वेतन तत्काल जारी होना जरूरी है। वहीं इसके बाद भविष्य में आगे से हर महीने एक निश्चित तिथि को संबंधित आचार्यों को मानदेय मिलता रहे। इसकी विश्वसनीय पुख्ता व्यवस्था की जाए।
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