रायपुर (khabargali) देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वाॅच ने अपने 26वें महामूर्ख सम्मेलन में पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी को इस वर्ष के महामूर्ख का ताज प्रदान किया. इस मौके पर कार्टून वाॅच के सम्पादक त्रयम्बक शर्मा ने कहा कि श्री त्रिवेदी हर विषम परिस्थिति में मुस्कुराते और ठहाके लगाते देखे गये हैं, राजनीति में आने वाले उतार चढ़ाव का असर उनके चेहरे पर जरा भी नहीं पड़ता. अतः उन्हें ऐसी करने योग्य मूर्खताऐं करने के लिये वर्ष 2021 के महामूर्ख का ताज पहनाया गया है.
स्वयं को मूर्ख मानता हूँ : शैलेष
इस मौके पर शैलेष नितिन त्रिवेदी ने स्वीकार किया कि वे पहले से ही स्वयं को मूर्ख मानते थे और अब महामूर्ख का खिताब मिलने से उनको हार्दिक प्रसन्नता है. उन्होंने इस खिताब को प्राप्त करने के लिये स्वयं को भी बधाई दी. श्री त्रिवेदी को यह ताज कार्टूनिस्ट त्रयम्बक शर्मा. हरिभूमि और आईएनएच चैनल इस कार्यक्रम के सहयोगी थे.
हास्य कविता और मिमिक्री ने रंग जमाया
इस मौके पर हास्य से सराबोर कविताओं और मिमिक्री ने दर्शकों को गुदगुदाया. छत्तीसगढ़ के रसखान कहे जाने वाले कवि मीर अली मीर ने नंदा जाही का रे से अपनी शुरूआत की. महिला कवियत्री प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने अपनी कविता में बताया कि कोरोना वहां नहीं आता जहां चुनाव होता है, हास्य कवि, किशोर तिवारी और उमाशंकर मनमौजी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया. इनके अलावा कवर्धा के मिमिक्री कलाकार कौषल साहू और अनूप श्रीवास्तव की जोड़ी ने दर्शकों को गुदगुदाने का काम किया.
विगत 25 वर्षों से गणमान्य जनों को देते हैं उपाधि
कार्टून वाॅच के सम्पादक त्रयम्बक शर्मा ने बताया कि विगत 25 वर्षो में अनेक गणमान्य लोगों को महामूर्ख का खिताब एक सकारात्मक सोच के साथ प्रदान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि महामूर्ख सम्मेलन भारत की एक पुरानी परंपरा है जो धीरे धीरे विलुप्त हो रही है. श्री शर्मा ने कहा कि कार्टून वाॅच इस परंपरा को सकारात्मक और रचनात्मक सोच के साथ सहेजे हुये है. विगत वर्षों में अनेक ऐसे नाम हैं जिन्हें उनकी सकारात्मक गतिविधियों के लिये महामर्ख की उपाधी प्र्रदान की गई है.
ये भी बन चुके हैं महामूर्ख
यह उपाधि भूपेश बघेल, सरोज पाण्डेय, रमेश बैस, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, कुलदीप जुनेजा, प्रमोद दुबे, केदार कश्यप, विकास उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य लोगों को प्राप्त हो चुकी है. विगत वर्ष यह खिताब एजाज ढेबर को प्रदान किया गया था.
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