केंद्रीय बजट पर छत्तीसगढ़ के उद्योग- व्यापार की प्रतिक्रिया

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रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ के उद्योग व कारोबार जगत के विशेषज्ञों ने आज प्रस्तुत हुए केन्द्रीय बजट पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। सबका नजरिया अपना अलग था। कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर व औद्योगिक सेक्टर के विकास पर विशेष जोर दिए जाने का स्वागत किया गया है। आर्थिक विकास की गति को बल मिलेगा। कुल मिलाकर बजट स्वागत योग्य है।

सभी वर्गों को संतुष्ट करने की कोशिश-पारवानी

छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा, आम बजट को पूरी तरह से संतुलित बजट कहा जा सकता है। इसमें विभिन्न प्रकार के कैपिटल निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस है। पुराने वाहनों को बदलने के साथ ही रोजगार, व्यापार और औद्योगिक विकास पर भी ध्यान है। साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए लाभदायक योजनाएं लाई गई है। सबसे बड़ी राहत के रूप में आम लोगों के लिए आयकर में सात लाख की छूट है। इसे एक बड़ी राहत कहा जा सकता है। साथ ही एमएसएमई के लिए पूंजी लौटाने की योजना भी काफी फायदेमंद साबित होगी। आम बजट में सभी वर्गों को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है।

विकासपरक बजट है, सभी के लिए फायदेमंद-सिंघानिया

फाडा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीषराज सिंघानिया ने कहा, बजट हर तरह से लोकलुभावन है, क्योंकि इससे आटो की बिक्री को चारों तरफ बढ़ावा मिलेगा। इंफ्रा खर्च में 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी परिव्यय निश्चित रूप से सीवी बिक्री में मदद करेगा, राज्य सरकारों की सहायता से सभी पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का लक्ष्य सभी सेगमेंट की बिक्री को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, अलग-अलग टैक्स स्लैब में कमी से बीमार एंट्री लेवल दोपहिया और पर्सनल वाहन सेगमेंट को फायदा होगा।

बजट में रखा सभी वर्गों का ध्यान-तारवानी

आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी ने कहा, आम बजट में सात लाख तक आयकर में छूट देकर मध्यम वर्ग से लेकर बड़े-बड़े पूंजीपतियों का भी ध्यान रखा गया है। काफी समय से इसकी मांग भी की जा रही थी। आयकर में छूट देने के साथ ही कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर व औद्योगिक सेक्टर के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। कुल मिलाकर इसे कहा जा सकता है कि आम बजट देश के आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला होगा। आम बजट से आटोमोबाइल, रियल इस्टेट सहित सभी सेक्टरों का विकास होगा।

देश में आर्थिक विकास की रफ्तार और बढ़ेगी-नचरानी

छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने कहा, आम बजट देश की आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला होगा। विशेषकर इसमें आयकर की छूट सात लाख तक देना वाकई आम लोगों के साथ ही व्यावसायिक सेक्टरों के लिए फायदेमंद होगा। इसके साथ ही छोटे व लघु उद्योगों और कृषि क्षेत्र की रफ्तार बढ़ाने के लिए भी बहुत से प्रविधान किए गए है। बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है।

रियल इस्टेट में आएगा बूम-क्रेडाई अध्यक्ष

छत्तीसगढ़ क्रेडाई के अध्यक्ष मृणाल गोलछा ने कहा, आम बजट में सबसे बड़ी राहत के रूप में सात लाख तक आयकर में छूट दी गई है। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र, आटोमोबाइल, एमएसएमई सेक्टर सभी पर ध्यान दिया गया है। इन राहतों से बाजार में पैसा आएगा और सभी सेक्टरों का विकास होगा। रियल इस्टेट सेक्टर की रफ्तार भी इससे बढ़ेगी।

इस साल का आम बजट पावरफुल ,प्रोग्रेसिव एवम समावेशी बजट -सी ए विजय मालू

सी ए विजय मालू ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की सरकार का पुरा ध्यान राज़कोषीय घाटे की परवाह नहीं करते हुए देश की जी डी पी बढ़ाने पर केंद्रित रहा । इस आमबजट में आयकर छूट की सीमा को 250000 से बढ़ाकर 300000 किया गया एवम न्यू टैक्स सिस्टम में स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग को फ़ायदा होगा। अब न्यू टैक्स सिस्टम के तहत 7 लाख तक की इनकम वालों इनकम टैक्स नहीं पटाना होगा। इनकम टैक्स के सरचार्ज में कमी से राहत मिलेगा। कॉर्पोरेट एवम् स्टार्टअप को इनकम टैक्स की छूट जारी रहेगी। उपभोगता के जेब में इनकम टैक्स के पैसे बचने से,पूँजीगत एवम बुनियादी एवम रेलवे के खर्च में बढ़ोतरी से विकास तो होगा ही, लेकिन इससे उपभोग एवम् रोज़गार में भी वृद्धि होगा। हालाँकि किसान को बजट से MSP पर कुछ घोषणा की उम्मीद थी, हालाँकि इससे वित्तीय घाटा बढ़ जाता। किसानों को कुछ निराशा हुई। लेकिन कुल मिलाकर लगभग सभी क्षेत्रों में इस बजट से विकास होगा।

निराशाजनक बजट - विमल बाफना

महादेव घाट रोड व्यापारी संघ के महासचिव और छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष विमल बाफना ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत आम बजट मैं आम लोगों को एवं मध्यमवर्ग के व्यापारियों के लिए कोई विशेष राहत पैकेज योजना नहीं लाई गई साथ ही प्रत्येक नागरिक को उत्तम स्वास्थ्य उच्च शिक्षा का मौलिक अधिकार से वंचित एवं गांव पर विशेष योजना बनाकर उसे शिक्षा योग्य बनाया जाए बाकी गांव वाले भी शिक्षित हो सके गांव पर कैसे विकास हो इस पर विशेष नीति लानी थी क्योंकि चुनाव वर्ष होने के कारण आम जनता को व्यापारियों को लॉलीपॉप पकड़ा दिया गया कुल मिलाकर देखा जाए तो यह बजट उद्योगपतियों का है शहरी विकास एवं गांव पर जोर देकर विकास की नई नीति लानी थी जिससे समग्र विकास हो सके कुल मिलाकर बजट घोर निराशाजनक है।

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