किरण रिजिजू के बाद राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल से भी कानून मंत्रालय वापस ले लिया

Kiren Rijiju, Minister of State for Parliamentary Affairs Arjun Ram Meghwal, Minister of State Satyapal Singh Baghel, Modi Government Khabargali

राजस्थान के मेघवाल नए कानून राज्यमंत्री बनाए गए

नई दिल्ली (khabargali) केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बृहस्पतिवार को चौंकाने वाले एक बदलाव के तहत किरेन रीजीजू को विधि एवं न्याय मंत्री के पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का जिम्मा सौंप दिया गया. रिजीजू अपने बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहते थे. संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल अब देश के विधि व न्याय (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री बन गए हैं। साथ ही पहले से मिले विभाग भी उनके पास ही रहेंगे. रिजीजू को हटाए जाने के कुछ घंटों के बाद ही इस महत्वपूर्ण मंत्रालय के राज्यमंत्री सत्यपाल (एसपी) सिंह बघेल की भी छुट्टी कर दी गई है। उन्हें अब स्वास्थ व परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्यमंत्री का जिम्मा सौंपा गया है.

हालांकि सत्यपाल सिंह बघेल की जगह कानून मंत्रालय में कौन सा राज्यमंत्री आएगा, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है. हालांकि इस बदलाव को लेकर अभी तक कोई ऑफिशियल बयान सरकार की तरफ से सामने नहीं आया है, लेकिन एक ही दिन में दोनों मंत्रियों को बदले जाने के कारण कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा पिछले दिनों कानून मंत्री रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच कई मुद्दों पर बनी रही टकराव की स्थिति को लेकर हो रही है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से रिश्ते सुधारने की कवायद के तहत ये कदम उठाए हैं.

दो साल से लगातार सुप्रीम कोर्ट से टकराव पर था कानून मंत्रालय

कानून मंत्रालय पिछले दो साल में किरेन रिजिजू के नेतृत्व में लगातार सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव की मुद्रा में दिखाई दिया था. खासतौर पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर किरेन रिजिजू बहुत ज्यादा मुखर रहे थे. रिजिजू जुलाई, 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह कानून मंत्री बने थे. रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो चुके कई जजों को एंटी इंडिया एलिमेंट्स कहा था. नंवबर 2022 में उन्होंने जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि क्या ये संविधान के लिए एलियन है. रिजिजू के ऐसे ही कई अन्य बयानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच खिंचाव की स्थिति पैदा हुई थी.

कॉलेजियम को लेकर बहुत ज्यादा बढ़ गया था तनाव

कॉलेजियम से मंजूर हो चुके जजों के नामों की नियुक्ति लटकाए रखने के चलते भी सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्रालय से नाराजगी की स्थिति में है. पिछले साल नवंबर में खासतौर पर कॉलेजियम पर कमेंट और नियुक्ति लटकाए रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई थी. बेंच ने NJC को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी नहीं मिलने के कारण जजों की नियुक्ति लटकाए रखने जैसा कमेंट भी सरकार पर किया था. बेंच ने सरकार को तत्काल नियुक्ति देने के आदेश भी दिए थे. इसके बाद से सुप्रीम कोर्ट और मंत्रालय के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया था. इसके अलावा भी रिजिजू के कमेंट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने टकराव को और ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए याचिका को दो दिन पहले खारिज कर दिया है.

मोदी सरकार नहीं चाहती न्यायपालिका से कोई भी टकराव

माना जा रहा है कि उनके कई कमेंट्स के चलते न्यायपालिका और मोदी सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार से जुड़े कई अहम मामलों की सुनवाई इस समय चल रही है, जिनके फैसलों का असर आगामी लोकसभा चुनाव के परिणाम पर हो सकता है. माना जा रहा है कि इस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल न्यायपालिका के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं. इस टकराव को बढ़ने से टालने के लिए ही रिजिजू को मंत्रालय से रुख्स्त कर दिया गया है.