
बिलासपुर (खबरगली) शहर की पर्वतारोही निशा यादव ने लाहौल घाटी की सबसे ऊंची चोटी माउंट यूनम में तिरंगा फहराकर एक और उपलब्धि हासिल की है। वह 13 अक्टूबर को सुबह 10.35 बजे चोटी पर पहुंचीं। खास बात यह है कि निशा ने यह साहसिक कार्य बिना किसी गाइड के और भारी बर्फबारी से पहले से बना क्लाइबिंग रूट (चट्टान पर चढ़ने का तय रास्ता) ढंका होने से अंदाज से नया रूट बनाकर चढ़ाई की और माइनस 15 डिग्री तापमान में 20,100 फीट ऊंचाई पर शान से राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
माउंट यूनम फतह कर मनाली में आराम कर रहीं निशा यादव ने बताया कि उनकी टीम में कुल चार सदस्य थे। निशा के अलावा तीनों पुरुष थे। 8 अक्टूबर को टीम के साथ दिल्ली से मनाली पहुंची तो वहां उम्मीद के विपरीत बारिश और बर्फबारी शुरू हो गई थी। वहां हमने चार दिन तक मौसम साफ होने का इंतजार किया, लेकिन बर्फबारी जारी रही। हमने आगे बढ़ते हुए, केलांग में एक रात के लिए पहला कैंप लगाया। इसके बाद भरतपुर में हमारा बेस कैंप था, जिसकी ऊंचाई 4800 मीटर थी, वहां हम दो रात रहे।
8522 फीट उत्तराखंड की नैना पीक ट्रैक
12500 फीट उत्तराखंड केदारकंठा ट्रैक
2952 फीट छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा
21,286 फीट अरुणाचल प्रदेश की पर्वत चोटी गोरीचेन
18510 फीट यूरोप महाद्वीप का सबसे ऊंचा माउंट एलब्रुस
19340 फीट अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊंचा किलिमंजारो
20,100 फीट लाहौल की सबसे ऊंची चोटी माउंट यूनम
निशा ने बताया कि हमने यह चढ़ाई बिना किसी टेक्निकल सपोर्ट और गाइड के पूरी की। क्योंकि हम किसी क्लाइबिंग कंपनी की ओर से नहीं बल्कि स्वतंत्र रूप से गए थे। इस दौरान टेंट लगाना, खाना बनाने से लेकर सारे काम हमने खुद किए। जैसे ही हम माउंट यूनम पहुंचे, वहां का नजारा देखकर हमारी भूख और थकान मिट गई। चारों ओर घना कोहरा होने से आसपास कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था।
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