खेती करना और महँगा, अन्नदाता मुश्किल में, राज्य सरकार करें समाधान -कोमल हुपेंडी

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रायपुर (khabargali)आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि देश और राज्य में किसानों की हालात ख़राब हैं राज्य कि कांग्रेस सरकार को किसानों के हितों के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। आंकड़े के अनुसार खेती इस साल ज्यादा महंगी होने वाली है जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ेंगी। पहले ट्रैक्टर से खेती की जोताई लागत प्रति घंटा 800 रुपये थी पर अब ट्रैक्टर से खेती की जोताई लागत प्रतिघंटा 1500 रुपये हो गयी है डीजल, खाद व प्रमाणित बीज की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही मजदूरी बढ़ने से खेती इस बार और महंगी हो जाएगी। मजदूरी भी प्रतिदिन 200 रुपये से 250 रुपये हो गई है।

राज्य में लक्ष्य से आधा खाद भंडारण के कारण किसानों को खाद की किल्लत हो रही है। प्रमाणित बीज की कीमत में प्रति क्विंटल 100 रुपये का इजाफा हो गया है। वहीं दलहन, तिलहन फसलों के संकट पर संकट छाया हुआ है।डीजल से लेकर मजदूरी तक खेती में लगने वाली हर चीज की बढ़ी लागत को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार एमएसपी में एक बड़ी वृद्धि करेगा। खासकर दलहन और तिलहन के लिए पर ऐसा नहीं किया गया।धान की कीमत में सिर्फ सौ रुपए क्विंटल की वृद्धि की गई है. यानी एक किलो पर केवल एक रुपए। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ सीजन 2022-23 के लिए 14 फसलों के लिए समर्थन मूल्य में औसतन छह फीसदी की वृद्धि की घोषणा की।

अब देखना होगा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धान के समर्थन मूल्यों पर क्या करतें हैं? राज्य में बमुश्किल डेढ़ साल बाद फिर चुनाव होने वाले हैं। महगाई की वजह से आज किसान देश के बाकी लोगों से कहीं ज्यादा संकट में है। उसे अपनी फसल का पूरा दाम नहीं मिल रहा और बाकी चीजें उसे शहर से कहीं ज्यादा महंगी मिल रही हैं खरीफ फसलों, खासकर दलहन और तिलहन को सही कीमत दिलाना असली समस्या है और वह समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी के पुख्ता इंतजाम नहीं होने तक काफी मुश्किल होगा। जब तक उपज की खरीदी में उचित मूल्य गारंटी नहीं होगी तब तक राज्य जे किसान आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

आम आदमी पार्टी फिर आग्रह करती है कि किसानों के हित में यदि किसानों को स्पेशल मूल्य दिया जाए तो बेहतर होगा अन्यथा किसान मजबूर हो कर असहाय सा महसूस कर रहा है। किसानों को कौन देगा न्याय और कब बढ़ेगी उनकी आय?!! प्रदेश की कांग्रेस सरकार कब देगी ध्यान हमारे अन्नादात की परिस्थिति पर और भाजपा की केंद्र सरकार शायद आंखे बंद कर बैठी है तो आम आदमी पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर किसान भाइयों और बहनों की लड़ाई अंत तक लड़ेगी।

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