मधुगुंजन श्रृंगार 2024 में ख्याति ने शास्त्रीय गायन में प्रथम स्थान प्राप्त किया

Khyati Kumar Miri got first place in classical singing in Madhugunjan Shringar 2024, Art City Raigarh, Vedmani Singh Thakur, Gurumata Chandra Devangan and Guru Devlal Devangan, famous Kathak dancer Vasanti Vaishnav, Director of Shri Vaishvan Music College Sharad Vaishnav, Organizing President of Madhugunjan Shringar Ajit Kumar Swain and President of Shri Vaishvan Music College Pandit Sunil Vaishnav, Chhattisgarh, Khabargali

रायगढ़ (खबरगली) कला नगरी रायगढ़ में 15 से 17 नवंबर 2024 तक आयोजित आल इंडिया डांस म्युजिक आर्ट काम्पिटिशन एंड डांस फेस्टिवल मधुगुंजन श्रृंगार 2024 में छत्तीसगढ़ की शास्त्रीय संगीत प्रतिभा ख्याति कुमार मिरी ने सीनियर कैटिगरी के गायन एकल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।ख्याति को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना वासंती वैष्णव, श्री वैष्वण संगीत महाविद्यालय के डायरेक्टर शरद वैष्णव, मधुगुंजन श्रृंगार के आयोजक अध्यक्ष अजित कुमार स्वैन और श्री वैष्वण संगीत महाविद्यालय के अध्यक्ष पंडित सुनील वैष्णव के कर कमलों से प्रदान किया गया। इन कलागुरुओं ने ख्याति की प्रतिभा की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।

ख्याति की संगीत यात्रा

रायगढ़ घराने की परंपरा का सशक्त प्रतिनिधित्व ख्याति ने बाल्यकाल से ही अपनी संगीत अभिरुचि का प्रदर्शन किया है। वह रायगढ़ घराने की प्रतिष्ठित परंपरा में प्रशिक्षित हो रही हैं। ख्याति को चक्रधर संगीत महाविद्यालय रायगढ़ के श्रद्धेय गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर, गुरुमाता चंद्रा देवांगन और गुरु देवलाल देवांगन का मार्गदर्शन मिला है। गुरुमाता चंद्रा देवांगन और गुरु देवलाल देवांगन  ने शुभआशीर्वाद प्रदान किया है।इसके अतिरिक्त, गुरु छविलाल मालाकार, श्री किशन मौर्य और शुभम विशेषज्ञ गुरुओं ने ख्याति की संगीत संबंधी गहराई को निखारने में अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में, ख्याति गुरुमाता चंद्रा देवांगन के मार्गदर्शन में चक्रधर संगीत महाविद्यालय में नियमित रूप से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।संगीत और शिक्षा के संतुलन का प्रेरक उदाहरण ख्याति कुमार मिरी ओपी जिंदल स्कूल, रायगढ़ में कक्षा 11वीं की छात्रा हैं। प्राचार्य आर.के. त्रिवेदी के सानिध्य और प्रेरणा से, ख्याति अपने शैक्षणिक जीवन और संगीत साधना के बीच उत्कृष्ट संतुलन बनाए रख रही हैं।अल्पायु में ही संगीत साधना आरंभ करने वाली ख्याति ने कठोर अभ्यास और अनुशासन के साथ अपनी प्रतिभा को सुदृढ़ किया है। उनकी यह उपलब्धि रायगढ़ घराने की परंपरा को न केवल सशक्त करती है, बल्कि युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।मधुगुंजन श्रृंगार 2024 में ख्याति की जीत उनके कठिन परिश्रम, गुरुजनों के आशीर्वाद और रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रमाण है।

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