
संगीत जगत में शोक की लहर
सैन फ्रांसिस्को (खबरगली) मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन का रविवार को निधन हो गया. उनका इलाज सैन फ्रांसिस्को में चल रहा था. उन्होंने 73 साल की उम्र में आखिरी सांस ली.
मुंबई में हुआ था जन्म
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 में मुंबई में हुआ था. उन्होंने महज 12 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रख लिया था. छोटी उम्र से ही उन्होंने तबले की आवाज से जादू बिखेरना शुरू कर दिया था. उन्होंने 1973 में उनका पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड आया था. 1979 से लेकर 2007 तक जाकिर हुसैन कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाया.
कई सम्मान और पुरस्कार से नवाजे गए
जाकिर हुसैन को केवल 37 साल की उम्र में 1988 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उसके बाद 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था. 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. जाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
अल्लाह रक्खा के बेटे थे जाकिर हुसैन
उस्ताद जाकिर हुसैन मशहूर तबला वादक अल्ला रक्खा के सबसे बड़े बेटे थे. उन्होंने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और दुनिया भर में नाम कमाया. उन्होंने कथक डांसर और शिक्षिका एंटोनिया मिननेकोला से शादी की थी. उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी. अनीसा ने यूसीएलए से स्नातक किया है और वह एक फिल्म निर्माता हैं. जाकिर हुसैन के दो भाई हैं और दो तबला वादक हैं.
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