नेता जी को सिर्फ होलोग्राम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए : शशि थरूर

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कहा- भारत में नेताजी के नाम पर 164 संस्थान हैं, यह सब 2014 से पहले के हैं। नेताजी को मिटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया 

नई दिल्ली (khabargali) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। सुभाष चंद्र बोस और अमर जवान ज्योति को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आप अमर जवान ज्योति को सिर्फ इसलिए नहीं बुझा सकते क्योंकि आपको राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में एक और लौ जलानी है। लौ अमर होने के लिए है, यह अमर और शाश्वत होने के लिए है। आप केवल वर्तमान सरकार की सनक के कारण जो शाश्वत है उसे नष्ट नहीं कर सकते हैं। भारत में नेताजी के नाम पर 164 संस्थान हैं, यह सब 2014 से पहले के हैं। नेताजी को मिटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। उन्हें सिर्फ होलोग्राम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उनके पास न केवल वीरता और महानता थी, बल्कि कुछ ठोस सिद्धांत भी हैं, जो दुख की बात है कि वर्तमान सरकार उन्हें छोड़ रही है।

उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि नेताजी और पटेल साहब को सम्मानित किया जा रहा है। हमें उन सभी लोगों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और हमें वह आजादी दी जिसे हम आज भी संजोते हैं। थरूर ने आगे कहा कि नेता जी धर्मनिरपेक्ष थे, उनकी आजाद हिंद फौज में हर धर्म के लोग थे। हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और सिख जिन्होंने सम्मान और विश्वास पर नेताजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा की।

थरूर ने आगे कहा कि सरदार पटेल के बारे में भी ऐसी ही बातें कही गई थीं, मुझे लगता है कि हमें यह समझना होगा कि किसी तरह से यह दिखाने की कवायद चल चल रही है कि यही सरकार है जो पिछले नेताओं के गौरव को सामने ला रहा है। थरूर ने कहा कि यह बिल्कुल भी सही नहीं है।