प्रस्तावित 28 प्रतिशत जीएसटी वापसी की मांग छत्तीसगढ़ के ऑनलाइन गेमर्स ने की

Online gamers of Chhattisgarh demand proposed 28 percent GST refund, casino and horse racing Raipur Chhattisgarh News,khabargali

रायपुर (khabargali) ऑनलाइन गेमिंग को कैसिनो और हॉर्स रेसिंग जैसा मानते हुए इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से निराश छत्तीसगढ़ के ऑनलाइन गेमर्स इस फैसले को वापस लेने की मांग के साथ 'इंडियन गेमर्स यूनाइटेड' के बैनर तले अन्य शहरों के गेमर्स के साथ एकजुट हुए हैं। कई गेमर्स रायपुर के इनडोर स्टेडियम पर एकत्र हुए और नीति निर्माताओं से ऑनलाइन गेमिंग को ज्यादा टैक्स फ्रेंडली बनाने की मांग के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। गेमर्स ने बैनर और प्लेकार्ड्स के साथ नारे लगाए और नीति निर्माताओं का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का प्रयास किया।

गेमर्स ने कहा कि भारत में युवाओं के बीच ऑनलाइन गेमिंग तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। यहां युवा अपने खाली समय में अपनी गेमिंग स्किल के माध्यम से कमाते हैं और गिग इकोनॉमी का हिस्सा बनते हैं। अब 28 प्रतिशत की अव्यावहारिक जीएसटी की दर से ऑनलाइन गेमिंग की इंडस्ट्री असमय ही खत्म हो जाएगी और ऑनलाइन गेमर्स के सामने कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।

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11 जुलाई, 2023 को जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग को कैसिनो एवं हॉर्स रेसिंग की तरह ही मानते हुए कुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रस्ताव रखा गया। नई व्यवस्था में ऑनलाइन गेमिंग में एंट्री फीस समेत पूरी कंसिडरेशन वैल्यू पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूली जाएगी। इस फैसले ने सभी ऑनलाइन खेलों को एक श्रेणी में रखते हुए गेम्स ऑफ स्किल और गेम्स ऑफ चांस के बीच के अंतर को ही खत्म कर दिया है। यह ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स की मौजूदा व्यवस्था के विपरीत है।

अभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (जीजीआर) या प्लेटफॉर्म फीस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करती हैं। अभी की व्यवस्था में गेम्स ऑफ स्किल और गेम्स ऑफ चांस के बीच अंतर भी किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस उद्योग को लेकर अपने ड्राफ्ट रेगुलेशन में भी इस अंतर को माना है। इससे इतर जीती गई राशि पर 30 प्रतिशत टीडीएस भी काटा जाता है। ऑनलाइन गेमर्स और पोकर प्लेयर्स को उनके द्वारा लगाई गई बेट की वैल्यू पर कोई जीएसटी नहीं चुकानी होती है। अभी उन्हें बस ऑनलाइन गेमिंग कंपनी द्वारा वसूली गई प्लेटफॉर्म फीस पर ही जीएसटी देनी होती है।

नए प्रस्ताव से गेमर्स को गेम खेलने के लिए जमा कराई गई राशि पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकानी होगी। इसके अलावा उन्हें प्लेटफॉर्म फीस चुकानी होगी और जीती गई राशि पर 30 प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा। इससे अंतत: प्लेयर्स अवैध प्लेटफॉर्म्स की ओर आकर्षित होंगे, जहां जीएसटी नहीं चुकाना पड़ेगा, या जो कम फीस ले रहे होंगे। सालाना 28 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर से भारत की गेमिंग इंडस्ट्री के 2025 तक 5 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। 2022 में रियल मनी गेमिंग सेगमेंट से 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व सृजित हुआ था। प्रस्तावित जीएसटी की दर से इस पर बहुत विपरीत असर पड़ेगा।

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