सीबीएसई पैटर्न पर होगा विवि परीक्षा का मूल्यांकन
रायपुर (khabargali) पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की बीए, बीकॉम, बीएससी समेत तमाम स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की परीक्षाएं फरवरी से शुरू हो रही हैं। परीक्षाएं ऑनलाइन मोड पर होंगी। इसके लिए परीक्षा तिथि के दिन सुबह 11 बजे से प्रक्रिया शुरू होगी। सेमेस्टर परीक्षाओं की तरह वार्षिक परीक्षाओं में भी परीक्षार्थी घर बैठे प्रश्न पत्र हल कर सकेंगे।
मूल्यांकन ऎसे होगा
विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन की विधि भी तय कर दी है। मूल्यांकन सीबीएसई के पैटर्न पर होगा। प्रत्येक प्रश्न- पत्रवार अंक की गणना गत वर्ष या वर्षों के कुल प्राप्तांक के औसत का 50 प्रतिशत भार तथा वर्तमान घर बैठे परीक्षा के प्रश्न- पत्र के प्राप्तांक का 50 प्रतिशत भार देकर की जाएगी। यानी पूर्व वर्ष के परिणाम की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
ऐसे होगी परीक्षा
विवि की समय-सारणी के अनुसार प्रतिदिन आधे घंटे पहले रविवि की वेबसाइट www.prsu.ac.in पर प्रश्र पत्र अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा परीक्षार्थियों के मेल, वॉट्सएप और वेबसाइट पर भी प्रश्न पत्र भेजा जाएगा। परीक्षा के पांच दिन बाद कापी जमा करना अनिवार्य होगा। इसके लिए बंद लिफाफे में डालकर कापियों को अपने केंद्र में जमा करेंगे। यदि कोई केंद्र तक जाने में असमर्थ है, तो वह स्पीड पोस्ट के माध्यम से कॉपी भेज सकता है। परीक्षार्थी चाहें, तो ए-फोर साइज के 32 पेज के कागज को उत्तर-पुस्तिका बना सकते हैं। इसके लिए उत्तर-पुस्तिका की मुख्य पृष्ठ विवि की वेबसाइट से डाउनलोड करके मुख्य पेज के तौर पर स्टेपल करना होगा। परीक्षा में नाम, अनुक्रमांक और निर्धारित जगह पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा है कि उक्त रीति से घोषित परीक्षा परिणाम में पुनर्मूल्यांकन, पुनर्गणना की पात्रता नहीं होगी।
ऐसे की जायेगी अंकों की गणना
विवि के अनुसार तृतीय सेमेस्टर के किसी प्रश्न-पत्र के मूल्यांकन में वर्तमान प्रश्न-पत्र के प्राप्तांक के 50 प्रतिशत भार तथा प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में उसी प्रश्न-पत्र में मिले पूर्णांक का 50 प्रतिशत भार लिया जाएगा। द्वितीय सेमेस्टर में प्रथम सेमेस्टर के प्रश्न-पत्र के प्राप्तांक का 50 प्रतिशत एवं वर्तमान प्रश्न-पत्र के 50 प्रतिशत का भार लिया जाएगा। वहीं, पंचम सेमेस्टर के किसी प्रश्न-पत्र के मूल्यांकन में पूर्व के चार सेमेस्टर के कुल प्राप्तांक का 50 प्रतिशत भार तथा वर्तमान का 50 प्रतिशत भार लिया जाएगा।
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