रायपुर/अमृतसर (खबरगली) छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी को सिख इतिहास के महान बलिदानों, विशेषकर गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों की अद्वितीय वीरता और सर्वोच्च त्याग को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के उनके सफल और व्यापक अभियान के लिए सम्मानित किया गया है। अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर परिसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।
डॉ. सोलंकी के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने "वीर बाल दिवस" को शासकीय आयोजन के रूप में मनाने की मांग को लेकर एक सशक्त जनआंदोलन चलाया था। इस मुहिम की शुरुआत 2020 में हुई थी, जिसमें मुगलों के अत्याचारों के विरुद्ध धर्म की रक्षा में साहिबजादों के बलिदान की गाथाओं को जन-जन तक पहुँचाया गया। उनके सतत प्रयासों में सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता, भारत सरकार के समक्ष आधिकारिक तर्क और प्रस्ताव प्रस्तुत करना, तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सैकड़ों हस्ताक्षरित ज्ञापन प्रेषित करना शामिल था। इन प्रयासों का सकारात्मक परिणाम 9 जनवरी 2022 को सामने आया, जब भारत सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया।
सरकार ने प्रत्येक वर्ष 26 दिसंबर को "वीर बाल दिवस" के रूप में मनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की और इसे अपने गजट में प्रकाशित कर वैधानिक मान्यता प्रदान की। डॉ. सोलंकी के इस महत्वपूर्ण योगदान को सिख समुदाय द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया, जिसके उपलक्ष्य में उन्हें एसजीपीसी द्वारा यह विशेष सम्मान दिया गया।
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