शाहिद जमील ने छोड़ा कोविड पैनल, क्या सरकार की आलोचना हो सकती है वजह?

Dr shahid jameel khabargali

नई दिल्ली(khabargali)। कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट का पता लगाने के लिए बने वैज्ञानिक सलाहकारों के सरकारी फ़ोरम इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टिया (INSACOG) के अध्यक्ष पद से वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर शाहिद जमील ने इस्तीफ़ा दे दिया है.

डॉक्टर जमील ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से अपने इस्तीफ़े की पुष्टि की है, उन्होंने इसका कारण साफ़-साफ़ नहीं बताया है। उन्होंने कहा, "मैं कारण बताने के लिए बाध्य नहीं हूँ."

हालांकि, डॉक्टर जमील ने रॉयटर्स से इतना ज़रूर कहा कि विभिन्न प्राधिकरण उस तरह से उन साक्ष्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने अपनी नीति तय की हुई है.INSACOG की देखरेख करने वाले बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणू स्वरूप ने इस्तीफ़े पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

रॉयटर्स ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से भी इस्तीफ़े पर टिप्पणी जाननी चाही लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

न्यूयॉर्क टाइम्स में की थी आलोचना

डॉक्टर जमील ने हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स अख़बार में एक लेख लिखकर भारत में कोविड-19 के मैनेजमेंट पर सख़्त टिप्पणियाँ की थीं.

इसमें उन्होंने कम टेस्टिंग, टीकाकरण की धीमी रफ़्तार, वैक्सीन की कमी पर सवाल उठाए थे और एक बड़े हेल्थकेयर वर्कफ़ोर्स की ज़रूरत बताई थी.

उन्होंने लिखा था, "भारत में मेरे वैज्ञानिक साथी इन सभी तरीक़ों के लिए समर्थन करते हैं लेकिन उन्हें साक्ष्य आधारित नीति निर्माण के लिए अड़ियल प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है."

देश में डेटा इकट्ठा करने में अंतर होने पर उन्होंने कहा था, "30 अप्रैल को 800 भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि डेटा उन्हें मिलना चाहिए ताकि शोध, भविष्यवाणी और वायरस को रोकने में मदद मिल सके."