सुहिणी सोच और साहू व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित स्पीच आर्ट का आयोजन
रायपुर (khabargali) सुहिणी सोच और साहू व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित स्पीच आर्ट में आज प्रभावी बोलने की कला के प्रशिक्षण कार्यशाला का द्वतीय दिवस था । जिसमें प्रशिक्षक सी.ए. चेतन तारवानी ने लोगों को भाषण या स्पीच देने के गुरों के बारे में बताया। उन्हें अपने प्रशिक्षण के दौरान स्पीच देने से पहले उसकी तैयारी के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने भाषण देने से ज्यादा उसकी तैयारी पर जोर दिया।
तारवानी ने बताया कि स्पीच देने से पहले की तैयारी ही स्पीच की जान होती है। स्पीच देने से पहले किस विषय पर बोलना है, कहां बोलना है, ये जानना बेहद जरुरी है। चेतन तारवानी ने बताया कि दूसरी प्रमुख बातें जो भाषण देते या किसी को संबोधित करते समय ध्यान में रखनी चाहिए वो है कार्यक्रम का उद्देश्य। आपको ही वहां पर क्यों बुलाया गया है। इस कार्यक्रम में पहले कौन से वक्ता आ चुके हैं। प्रोग्राम का एजेंडा क्या रखा गया है। ऐसी तमाम जानकारियों एक प्रवक्ता को होना आवश्यक है। इसके अलावा आपकी स्पीच प्रजेंटेशन भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा एक प्रभावी वक्ता के पास प्रभावी संचार कोशल, विषय वस्तु का ग्यान और किसी भी स्थिति के अनुकूल होने की क्षमता होनी चाहिए, यह आवश्यक है कि एक अच्छा प्रवक्ता बनने के लिए एक अच्छा श्रोता भी होना चाहिए। एक कुशल वक्ता होने के लिए उसकी आवाज ऊंची, भाषा सरल, और शब्द स्पष्ट होने चाहिए ताकि आगे ही नहीं पीछे बेठे श्रोता भी उसकी बात को सुन वा समझ सके । प्रशिक्षक ने कहा वक्ता को ना केवल अपने बोलने की क्षमता वरन अपने स्पीच को प्रभारी ढंग से प्रारंभ और समाप्त करने से संबंधित सभी बा तों को स्पष्ट किया। यह जानकारी संस्था की मीडिया प्रभारी कविता नारा ने दी।
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